प्रयागराज ब्यूरो शहर के विस्तारित एरिया में पहले से मौजूद पेयजल व्यवस्थाओं का सर्वे किया जाएगा। इसी रिपोर्ट के आधार पर यहां जलापूर्ति की नई व्यवस्था का खाका तैयार किया जाएगा। जिन क्षेत्रों में जलापूर्ति की स्थिति बदतर होगी। सबसे पहले काम वहीं से शुरू होगा। जल कल विभाग के अफसरों का मानना है कि कुछ इलाके ऐसे हैं जहां पर विस्तारित एरिया में पेयजल की सप्लाई होती है। वरीयता उन इलाकों को दिया जाएगा जहां के लोग पूरी तरक कुआं और हैंडपम्प पर आश्रित हैं। फाफामऊ और नैनी इलाके के विस्तारित क्षेत्र में पेयजल सप्लाई के लिए ट्यूबवेल भी लगाए जाएंगे। फिलहाल पहली बार में एक-एक ट्यूबवेल ही लगाए जाएंगे।

ट्यूबवेल लगाकर बिछाएंगे पाइप
यह बात सभी को मालूम है कि शहर के क्षेत्रफल का विस्तार हुआ है। सीमा विस्तार होने के बाद यह शहर 80 से बढ़कर सौ वार्ड हो गया है। मतलब यह कि बीस नए वार्ड इस शहर से कनेक्ट हुए हैं। अब इन बीस वार्डों को शहर के अन्य वार्डों के बराबर लाने की कवायद शुरू हो गई है। मूलभूत सुविधाओं में एक जलापूर्ति को लेकर जलकर विभाग एक्शन मोड में आया गया है। एक अनुमान के मुताबिक विस्तारित एरिया में करीब दो लाख मकान हैं। हालांकि अभी मकानों के सर्वे का काम चल रही रहा है। इसी के साथ अब जलकल भी मैदान में उतर पड़ा है। विस्तारित बीस वार्डों में जलापूर्ति को लेकर एक और सर्वे शुरू होगा। इस सर्वे में यह देखा जाएगा कि आखिर वे कौन सा मोहल्ला है जहां पानी की सबसे ज्यादा किल्लत है। ताकि ट्यूबवेल लगाने के बाद सबसे पहले वाटर सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम उन्हीं मोहल्लों से शुरू किया जाय। जलापूर्ति के मामले में सभी वार्ड एक बराबर हो जाएंगे इसके बाद एक साथ सभी वार्डों में यह काम कराया जाएगा। ताकि कहीं ज्यादा और कम व्यवस्था नहीं हो। महाप्रबंधक जल कुमार गौर ने कहा कि जहां समस्या ज्यादा है काम की शुरुआत उसी मोहल्ले से की जाएगी।