प्रयागराज (ब्यूरो)। एशिया के सबसे बड़े ट्रस्ट कायस्थ पाठशाला (केपी ट्रस्ट) के चुनाव परिणाम में इस बार बड़ा फेरबदल देखने को मिला। लंबे समय बाद चौधरी परिवार के हाथ से सत्ता निकल गई। कायस्थों ने डा। सुशील सिन्हा पर विश्वास जताते हुए उन्हे जिता दिया। उनको 18 वोट से जीत मिली। इस नजदीकी हार के बार विरोधी खेमे ने चुनाव में गडबड़ी का भी आरोप लगाया। इस बीत नतीजे घोषित हुए विजयी खेमें में जश्न का माहौल रहा।
डा। सुशील को 4668 वोट मिले
राघवेंद्रनाथ को 4650 वोट मिले
28 फीसदी हुआ था मतदान
सुबह से शाम तक टिकी रही निगाहे
केपी ट्रस्ट चुनाव के वोटों की गिनती पर सुबह से शाम तक लोगों की निगाह टिकी रही। एक-एक वोट पर सांसे ऊपर नीचे हुंई। हालांकि कुल हुई वोटिंग में पचास फीसदी से अधिक वोटर पाकर डॉ। सुशील सिन्हा विजयी घोषित हुए। डा। सुशील को 4668 वोट और चौधरी राघवेंद्रनाथ को 4650 वोट मिले। इसके बाद हारे हुए खेमे के समर्थ कों का कहना था कि सौ से अधिक वोट प्रेसीडेंट कैंडीडेट के थे। वह दूसरे बक्सों में थे। उनकी गिनती नही की गई। हालांकि रिटर्निंग आफिसर ने अंत में डॉ। सुशील को जीता घोषित किया।
एक घंटे तक रुकी रही गिनती
चुनाव में वोटों की गिनती शाम को एक घंटे तक रोकी गई थी। चुनाव की घोषणा होने के पहले चौधरी राघवेंद्र नाथ सिंह के खेमे ने विरोध शुरू कर दिया। यह देखकर मौके पर पुलिस फोर्स भी पहुंच गई। इसके बाद एमएलसी डॉ। केपी श्रीवास्तव भी पहुंचे और इसके बाद अधिक शोर शराबा होने लगा। इस बीच एक घंटे तक वोटों क गिनती पर विराम लगा रहा।
देर रात तक मना जश्न
जीत केबाद डॉ। सुशील के समर्थकों ने देर रात तक खुशी का इजहार किया। उन्होंने इसे बड़ी जीत बताया। उनका कहना था कि यह परिवारवाद का अंत हुआ है। बता दें कि सोमवार को हुए मतदान में 35512 मतदाताओं के सापेक्ष 9563 ने वोट दिए थे। मंगलवर को मतगणना की गई। रिटर्निंग आफिसर प्रमोद कुमार सक्सेना, प्रत्याशियों और उनके एजेंटों की मौजूदगी में काउंटिंग क शुरुआत हुई। इस दौरान आठ टेबिल पर चार चक्रों में बैलट पेपर गिने गए।
तीन चक्र में आगे रहे सुशील
कुल चार चक्र में काउंटिंग कराई गई। डा। सुशील सिन्हा ने पहले चक्र से बढ़त बना ली थी जो तीसरे चक्र तक बरकरार रही। चौथे चक्र की गिनती में चौधरी राघवेंद्रनाथ को अधिक वोट मिले। नतीजों की घोषणा के बाद निर्वाचन अधिकारी प्रमोद कुमार ने विजेता को जीत का प्रमाण पत्र सौंप दिया। चुनाव में कुल 28 फीसदी मतदान हुआ था। चुनाव में 35 हजार से अधिक मतदाता शामिल थे। इस दौरान डॉ। सुशील सिन्हा, चौधरी राघवेंद्रनाथ सिंह के अलावा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव तीसरे और रतन श्रीवास्तव चौथे स्थान पर रहीं।