प्रयागराज (ब्यूरो)। लोग रोहतांग, सोनमर्ग, लद्दाख में बर्फ का मजा लेने के लिए टूर पैकेज बुक करा रहे हैं। कुछ लोग कुल्लू में ब्यास नदी के किनारे राफ्टिंग आनंद लेने के लिए दोस्तों संग प्लान बना रहे हैं। वहीं कुछ लोगों ने मनाली में पहाड़ों, सिक्कम में लाचुन गांव और अरुणाचल प्रदेश के सेला पास का रुख कर रहे हैं। इन जगहों के नाम से गूगल पर टूर पैकेज की तमाम फर्जी वेबसाइट तक बनी है। हर वेबसाइट कम रेट में अधिक दिन का पैकेज देने का दवा कर रहे है। कुछ तो सुबह शाम का खाना व ट्रैवलिंग तक फ्री दे रहे हैं। इसी लालच में आकर मेजा, झूंसी और गऊघाट के तीन लोग शिकार हो चुके हैं।
केस 01 झूंसी निवासी अरुण कुमार सिंह ने साइबर थाने में शिकायत की है। उन्होंने बताया है कि पिछले महीने 12 हजार रुपये में चार लोगों के लिए मनाली का पैकेज बुक कराया था। जब डेट नजदीक आई तो होटल के नंबर पर कॉल कर वहां पडऩे वाले ठंड के बारे में जानकारी ली। लेकिन पैकेज पर लिखे होटल का नंबर गलत था। जब उन्होंने उसी होटल के नाम से गूगल पर सर्च किया तो एक नया नंबर आया। उस होटल स्टाफ ने बताया मनाली में उनके नाम से एक ही होटल है। उन्होंने जो होटल व रूम की डिटेल्स बताई। वह पूरी तरह से गलत था। जब उन्होंने पैकेज देने वाले एजेंट के पास कॉल किया तो नंबर स्विच ऑफ रहा।
केस 02 मेजा के रहने वाले न्यू कपल गोविंद और अंजलि के साथ भी ऐसा ही हुआ। दो माह पहले शादी हुई थी। घर पर कोई प्राब्लम होने के चलते बाहर घूमने नहीं गए। गर्मी अधिक पडऩे पर एक दिन दोनों लोग बैठकर गूगल से बर्फ व पहाड़ वाले जगहों का टूर पैकेज देख रहे थे। उन्होंने एक सस्ते टूर पैकेज वाले वेबसाइट पर विजिट कर डिटेल्स व फोन नंबर डाले। डिटेल्स व फोन नंबर डालते ही कॉल आना शुरू हो गया। कॉल करने वाले शख्स ने रोहतांग के साथ कुल्लू में ब्यास नदी के किनारे राफ्टिंग का पैकेज मात्र 25 हजार रुपये का बताया। कपल ने पहले पैसा ज्यादा होने की बात कही। इसी पैकेज में ट्रैवलिंग व फूडिंग तक शामिल कर दिया। दोनों को पैकेज काफी सस्ता लगा और ऑनलाइन पेमेंट के लिए लिंक भेजा गया। उस लिंक पर क्लिक कर पेमेंट कर दिए। जब टिकट नहीं मिला तो समझ गए। वह ठगी का शिकार हो गए है।
केस 03 पूरामुफ्ती निवासी सलमान ने लद्दाख व उसके आसपास के एरिया घूमने का पैकेज बुक कराया। इस पैकेज में एक हफ्ते तक घूमने के लिए बुलेट बाइक तक दी जा रही थी। पैकेज काफी सस्ता लगने के चक्कर से बुक किया। बुक करते ही पेमेंट का आप्शन आया। जब पेमेंट करने लगा तो उस साइट का कुछ और नाम शो कर रहा था। लेकिन वह नाम नहीं था। जो उसने सर्च कर बुक कर रहा था। मामला गड़बड़ लगने पर फौरन साइबर थाने को सूचित किया। साइबर थाने ने जैसे ही जांच शुरु की तो टूर वेबसाइट फर्जी निकला।
साइबर शातिरों को मालूम होता है कि कब कौन सी फर्जी साइट बनाने पर लोग फंस सकते है। सीजन देखकर फर्जी साइट बनाते हैं। इस वक्त चार धाम यात्रा और ठंड इलाकों में घूमने का फर्जी साइट ज्यादा बनी हुई है। जैसे ही कोई त्योहार आएगा तो ऑफर का लालच देना शुरू हो जाएगा।
राजीव तिवारी, साइबर थाना प्रभारी प्रयागराज