प्रयागराज ब्यूरो ।डॉक्टर्स का कहना है कि इस सीजन में वायरल फीवर तेजी से फैल रहा है। इसके मरीजों में भी प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है लेकिन बाद में यह खुद से बढ़ भी जाती है। लेकिन लोगों को इसकी जानकारी नही है। वह वायरल फीवर को डेंगू समझकर पैनिक हो रहे हैं। ऐसे कई मामले हैं जिनमें प्लेटलेट्स कम होने पर मरीज डेंगू की जांच करा रहे हैं लेकिन रिपोर्ट नार्मल आ रही है। ऐसे में उनकी चिंता अधिक बढ़ जा रही है।
सेफ एंटीबायटिक का नहीं है यूज
वैसे तो वायरल फीवर में एंटी बायटिक नही दिए जाने का प्रावधान है। लेकिन डॉक्टर चाहे तो सेफ एंटीबायटिक मरीज को दे सकते हैं। ऐसा हो नही रहा है। खासकर झोलाछाप ऐसी एंटी बायटिक दे रहे हैं जिसका यूज करने से खून में प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से कमी आती है। यही कारण है कि कई मरीजों को वायरल फीवर में भी प्लेटलेट कम हो रही हैं। यह भी इस परेशानी का अहम कारण साबित हो रहा है।
कंट्रोल में डेंगू, बेलगाम वायरल फीवर
इस सीजन में डेंगू तो कंट्रोल में है लेकिन वायरल फीवर बेलगाम हो चुका है। बेली, काल्विन और एसआरएन अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 40 फीसदी से अधिक मरीज केवल बुखार के आ रहे हैं। इनमें इक्का दुक्का मरीज ही डेंगू के निकल रहे हैं। हालांकि वायरल फीवर के मरीजों के लक्षण लगभग डेंगू और चिकनगुनिया से मिलते हैं। जिसकी वजह से मरीज कन्फ्यूज हो रहे हैं।
गुरुवार को मिले तीन मरीज
बता दें कि अभी तक डेंगू के कुल 28 मरीज हुए हैं। जिनमें से तीन अस्पतालों में एडमिट हैं और दो मरीजों का घर पर इलाज चल रहा है। गुरुवार को तीन नए मरीज सामने आए हैं। जिनमें से फाफामऊ, कीडगंज और मुट्ठीगंज के एक एक मरीज सामने आए हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि कुछ ऐसे लक्षण हैं जो केवल डेंगू मरीज में ही नजर आते हैं। जिनमें तेज बुखार के साथ उल्टी महसूस होना, सिरदर्द, गले में खराश और मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द शामिल है। अगर ऐसा हो रहा है तो एक बार डेंगू की जांच अवश्य कराई जानी चाहिए।
वायरल फीवर में मरीजों के प्लेटलेट कम हो रहे हैं। कुछ मामलों में ऐसा देखने में आ रहा है। लेकिन चिंता की बात नही है। बाद में प्लेटलेट रिकवरी हो जाती है। बशर्ते मरीज पैनिक न हो जाए। अगर जांच में डेंगू नही आ रहा है तो चिंता की कोई बात नही है।
डॉ। मंसूर, बेली अस्पताल