प्रयागराज (ब्यूरो)। मौसम में बदलाव होने पर कई संक्रामक बीमारियां पैर पसारने लगती हैं। इनमें चिकन पाक्स या स्माल पाक्स भी एक है। इनमें शरीर में दाने हो जाते हैं। चूंकि आजकल मंकी पाक्स को लेकर एलर्ट जारी है और इसके लक्षण चिकन पाक्स और स्माल पाक्स की तरह है। इसलिए लोग घबरा रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर्स का कहना है कि अफवाहों से दूर रहने की जरूरत है। अगर लक्षण दिख रहे हैं तो डाक्टर को दिखाकर इलाज कराना होगा।
ये हैं मंकी पाक्स के लक्षण
मंकी पाक्स होने पर शुरुआत में मरीज को सर्दी-जुकाम होता है और फिर लिंफ नोड्स में सूजन आने लगती है। फिर चेहरे और बॉडी पर दाने और लाल रेशेज आने लगते हैं। आमतौर पर यह बीमारी दो से चार सप्ताह में खुद ठीक हो जाती है। लेकिन कुछ मामलों में गंभीरता अधिक होती है जिसमें मरीज को नुकसान हो सकता है। मंकी पाक्स का कोई खास इलाज नही है, डॉक्टर इसके लक्षणों के आधार पर मरीज को दवा देते हैं।
एहतियातन भर्ती होगा मरीज
अगर कोई मरीज संदिग्ध आता है तो उसके लिए शासन के निर्देश पर एसआरएन अस्पताल में दस बेड रिजर्व किए गए हैं। यहां रहने वाले मरीज को आइसोलेट किया जाएगा और उसे सामान्य मरीजों से दूर रखा जाएगा। हालांकि इसके लिए डॉक्टर खुद सलाह देंगे। जब तक जांच रिपोर्ट नही आएगी, मरीज का लक्षण के आधार पर इलाज किया जाएगा। शासन ने स्वास्थ्य विभाग को एलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
नहीं है जांच की सुविधा, पुणे जाएगा सैंपल
बता दें कि फिलहाल मंकी पाक्स के जांच की सुविधा प्रयागराज में नही है। मरीज का सैंपल जांच के लिए पुणे की लैब में जाएगा। इसमें एक सप्ताह का समय लग सकता है। पहले यहां से सैंपल लखनऊ भेजा जाएगा और फिर वहां से इसे आगे जांच के लिए भेजा जाएगा। लोकल स्तर पर मंकी पाक्स की जांच अभी संभव नही है।
इस समय मौसम बदल रहा है इसलिए चिकन पाक्स और हर तरह के मरीज आ रहे हैं। इसलिए घबराने की जरूरत नही है। एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह ले लें। मंकी पाक्स भी अपने आप ठीक हो जाने वाली बीमारी है।
डॉ। शक्ति बसु, स्किन रोग विशेषज्ञ