- स्टेडियम बंद होने से खिलाड़ी छत और अपने घरों में कर रहे अभ्यास
- कहा-खेल में नियमित प्रैक्टिस है बेहद जरूरी
प्रयागराज
कोरोना महामारी का खेल में कैरियर का सपना संजोए खिलाडिय़ों पर भी पड़ा है, लेकिन ज्यादातर खिलाडिय़ों ने कोरोना की चुनौती से निपटते हुए अपनी क्षमता को बरकरार रखने का रास्ता निकाल लिया है। कोरोना संक्रमण के प्रभाव के बाद स्टेडियम, स्कूल बंद हुआ तो खिलाडिय़ों ने अकेले ही प्रैक्टिस का रास्ता चुना। अपने घर के छत पर ही संसाधन जुटाकर प्रैक्टिस शुरू कर दी। जिससे क्षमता बनी रहे। खिलाडि़यों का कहना है कि पिछले वर्ष कोरोना के चलते देशभर में लागू हुए लॉकडाउन में भी घरों में रहकर प्रैक्टिस कर खुद को किसी तरह फिट रखने का प्रयास किया था। ऐसे में अब फिर से घरों में प्रैक्टिस करने को मजबूर होना पड़ रहा है। क्योंकि खेल में नियमित प्रैक्टिस बेहद जरूरी है।
एक्सरसाइज कर बढ़ा रहे इम्यूनिटी
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में प्रीतम नगर के 12 वर्षीय खिलाड़ी राजवंश यादव ने बताया कि उनकी प्रैक्टिस इन दिनों काफी वीक होती जा रही थी। जिसके चलते उन्होंने घर पर ही प्रैक्टिस करने का निर्णय लिया। घर के छत पर ही संसाधन जुटाकर प्रैक्टिस शुरू कर दी है। सुबह-शाम जमकर पसीना बहा रहे हैं। वार्मअप से शुरुआत कर एक्सरसाइज में रोलिंग, जंपिंग, बैलेंसिंग को शामिल किया है। इस प्रैक्टिस में उनके पिता गुड्डू यादव और मां भी पूरा साथ दे रही हैं। पिता गुड्डू यादव ने बताया कि वह खेलगांव पब्लिक स्कूल में 8 क्लास में पढ़ते हैं। अभी तक कुल 32 मेडल जीत चुका है। वहां बने जिमनास्टिक हॉल में रोजाना प्रैक्टिस करता था। वह जिला और राज्यस्तरीय एथलेटिक प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी कर रहा है। कोरोना के चलते स्कूल व प्रैक्टिस हॉल सब बंद है। इनकी प्रैक्टिस में किसी तरीके की कमी न आए इसलिए घर के छत पर संसाधन जुटाकर प्रैक्टिस शुरू करा दी है। टीचर भी ऑनलाइन के जरिए काफी सपोर्ट कर रहे हैं।
इससे बेहतर विकल्प नहीं
वहीं 10 साल के दिव्यांश ने भी प्रैक्टिस शुरू कर दी है। यही आलम लगभग सभी खिलाडि़यों का है। वे अपने अपने तरीके से संसाधनों को जुटा कर प्रैक्टिस घर पर ही कर रहे हैं। क्योंकि इस कोरोना काल में इससे बेस्ट ऑप्शन कोई और नहीं है। घर पर ही जिला और राज्यस्तरीय एथलेटिक प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी करना पड़ रहा है।
बॉक्स
इन चीजों की चल रही प्रैक्टिस
1.खिलाड़ी राजवंश यादव ने बताया कि प्रैक्टिस में फ्लोर एक्सरसाइज, पॉमेल हॉर्स, स्टिल रिंग्स, वॉल्ट व पैरेलल, हॉरिजॉन्टल, अन-ईवन बार्स और बैलेंस बीम शामिल हैं।
2.बैलेंसिंग बीम में खिलाड़ी को एक पाइपनुमा उपकरण पर चलाया जाता है। अन-ईवन बार में खिलाड़ी छोटे-बड़े रॉड की ऊंचाई को पार कर आगे बढ़ते हैं।
3. वॉल्टेन टेबल में कलाबाजी करते हुए टेबल पार करते हैं। फ्लोर एक्सरसाइज में पुशअप व क्रंचेस। रोमन रिंग में दो रिंग को हाथों से पकड़कर बॉडी को मूव कराते हैं।
4.हॉरिजोन्टल बार में ऊंचाई पर लगे रॉड की मदद से बॉडी को 369 डिग्री पर घुमाते हैं.पैरेलल बार में दो रॉड के बीच हाथों के बल बॉडी को घुमाया जाता है।
5. पॉमेल हॉर्स में हाथों के सहारे बॉडी घुमाते हैं। तीन तरह का होता है जिम्नास्टिक्स बेसिक जिम्नास्टिक इसके तहत स्कूली बच्चों को शरीर को मजबूत बनाने के लिए जॉगिंग, रनिंग, बेंडिंग और स्ट्रेचिंग कराई जाती हैं।