प्रयागराज ब्यूरो । स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) हॉस्पिटल के डॉ। कार्तिकेय श्रीवास्तव की मौत को लेकर लगाए जा रहे कयास पर रविवार को विराम लग गया। उनकी मौत किसी दवा के ओवर डोज से नहीं, बल्कि दम घुटने से हुई थी। शरीर पर कई जगह जख्म और जलने के निशान भी बताए जा रहे हैं। यह देखते हुए डॉक्टरों ने बिसरा प्रिजर्व किया है। बिसरा को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा। बॉडी का पोस्टमार्टम फोरेंसिक टीम की मौजूदगी में दो डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के साथ किया। रिपोर्ट के आधार पर अब पुलिस दम घुटने के कारण का पता लगाने में जुट गई है। रसूलाबाद घाट पर परिजनों द्वारा उनकी बॉडी का अंतिम संस्कार किया गया। पोस्टमार्टम हाउस पहुंची डॉक्टर की बहन और बहनोई ने भी हत्या की आशंका जताई है। हालांकि उनकी तरफ से देर रात तक पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी गई थी।

ओटी में थी आठ बजे से ड्यूटी
उत्तराखण्ड कोटद्वार अपर कालाबड़ निवासी डॉ। कृष्ण कुमार श्रीवास्तव के बेटे डॉ। कार्तिकेय एसआरएन में अर्थोपेडिक यानी हड्डी रोग विभाग में जेआर-2 थे। वह जार्जटाउन स्थित फ्लैट में अपने पिता व मां प्रतिभा के साथ रहते थे। शनिवार सुबह करीब आठ बजे ओटी यानी ऑपरेशन थिएटर में उनकी ड्यूटी थी। पुलिस की जांच में पता चला है कि करीब नौ बजे तक वह ओटी में ही थी। बताते हैं कि इस बीच वे साथियों से बोले कि तबीयत खराब लग रही है। एक इंजेक्शन लगवाकर चले गए थे। कुछ घंटे बाद साथी डॉक्टरों ने मोबाइल पर फोन किए तो कॉल रिसीव नहीं हुई। यह देख साथी खोजबीन में लगे हुए थे। रात में अधीक्षक कार्यालय के सामने कार पार्किंग में वह अपनी कार में अचेत मिले थे। उनहें मेडिसीन विभाग के आईसीयू में ले जाया गया। बताते हैं कि वहां सीपीआर भी दी गई। तमाम कोशिश के बावजूद उनकी जान नहीं बच सकी। डॉक्टर कार्तिकेय की मौत की के बारे में पता चला कि पूरे हॉस्पिटल में हड़कंप मच गया। हॉस्पिटल के प्रशासनिक अधिकारी व सीनियर एवं जूनियर डॉक्टर मौके पर पहुंचे। पुलिस और फोरेंसिक टीम द्वारा छानबीन शुरू की गई थी। कार के अंदर वैक्रोमियम इंजेक्शन टीम के हाथ लगा था। इस इंजेक्शन के बारे में बताया गया था कि यह मसल्स को रिलैक्स कर देता है। इसे ऑपरेशन के दौरान मरीज को लगाया जाता है। खैर रविवार को उनकी बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला कि डॉक्टर की मौत दम घुटने के कारण हुई थी। सूत्र बताते हैं कि शरीर में कुछ जगह ऐसे जख्म मिले हैं जो इलेक्ट्रिक शाक की तरह लग रहे थे। अब हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर डॉक्टर का दम कैसे घुटा। हालांकि इस सवाल के जवाब की तलाश में पुलिस भी जांच तेज कर दी है।


डॉक्टर की मौत दम घुटने से हुई है। ऐसा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में में आया है। डॉक्टरों के पैनल द्वारा बिसरा प्रिजर्व किया गया है। जिसे जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अभिषेक भारती, डीसीपी सिटी

पुलिस के लिए भी चैलेंज बने यह सवाल
मामले की जांच में जुटी पुलिस के द्वारा हॉस्पिटल में लगे एक-एक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज चेक किए गए।
फुटेज चेक करने के बाद पुलिस ने बताया किया सुबह डाक्टर कार्तिकेय की कार हॉस्पिटल में आते हुए दिखाई दे रही है।
इसके बाद उनकी कार एक भी फुटेज में बाहर जाते हुए दिखाई नहीं दी। मतलब यह कि सुबह आने के बाद वह अपनी कार लेकर परिसर के बाहर निकले ही नहीं।
सुबह तबीयत खराब होने की बात बताकर करीब नौ साढ़े नौ बजे निकल गए थे। जैसा की पूछताछ में पुलिस को पता चला है।
फिर सवाल यह उठता है कि जब वह सुबह निकले और कार उनकी परिसर के बाहर आई नहीं तो आखिर लगभग 12 से 13 घंटे वे कहां और किसके साथ थे।
यदि वह किसी के साथ न होकर अपनी ही कार में सुबह से ही बेहोश पड़े थे, तो जहां उनकी कार थी आसपास खड़ी गाडिय़ों को लेकर जाने वाले किसी भी डॉक्टर या कर्मचारी की नजर क्यों नहीं पड़ी?
सवाल यह भी कि जब उनका वह बोल कर गए थे कि तबीयत ठीक नहीं है तो और फोन पर कॉल रिसीव नहीं हो रहा था तो खोजने वाले उन्हें कार देखना उचित क्यों नहीं समझ।
अब इस तरह के तमाम सवाल लोगों के जेहन में उठ रहे हैं। जिनके जवाब की तलाश में पुलिस देर रात तक जुटी रही।

कार से लिए गए फिंगर प्रिंट
डॉक्टर कार्तिकेय की बॉडी जिस कार में मिली थी उसका फोरेंसिक टीम द्वारा फिंगर प्रिंट लिया गया है। माना जा रहा है कि जांच में कार के अंदर मिले फिंगर प्रिंट से यह ता चल जाएगा कि उस वक्त उनकी कार में यदि कोई रहा होगा तो मालूम चल जाएगा। पुलिस इस घटना की हर एंगल व तरीके से जांच कर रही है।