-न्यूरो सर्जन पर महिला मरीज की जान लेने के प्रयास का आरोप
-पांच दिन पहले आनंद हॉस्पिटल में महिला हुई थी भर्ती
ALLAHABAD: डॉक्टर को धरती पर भगवान का रूप कहा जाता है और उसका फर्ज मरीज की जान बचाना होता है, लेकिन जब वह जान लेने पर उतारू हो जाए तो इसे क्या कहा जाएगा? शहर के आनंद हॉस्पिटल में मंगलवार शाम एक ऐसा ही वाकया सामने आया, जहां परिजनों ने शहर के फेमस न्यूरो सर्जन डॉ। कार्तिकेय शर्मा पर मरीज की जान लेने का प्रयास और अभद्रता करने का आरोप लगाया गया। मामले को लेकर हॉस्पिटल का माहौल गर्म रहा। परिजनों का कहना था कि डॉक्टर और मरीज के पिता के बीच अच्छे संबंध हैं, फिर ऐसा क्यों हुआ यह एक बड़ा सवाल है।
ओटी में ले गए डॉक्टर
मेजा के उरनाह परानीपुर के रहने वाले शैलेष मिश्रा ने अपनी पत्नी शिल्पा को कचहरी के नजदीक स्थित आनंद हॉस्पिटल में कुछ दिन पहले भर्ती कराया था। सिर में दर्द होने की वजह से उनका इलाज न्यूरो सर्जन डॉ। शर्मा के सुपरविजन में चल रहा था। शैलेष का कहना है कि मंगलवार की शाम अचानक डॉ। शर्मा शिल्पा को ऑपरेशन थिएटर में ले गए और इसके बाद उसे गालियां देने लगे। उन्होंने कहा कि तेरे बाप ने मुझे बहुत सताया है। आज मैं इसका बदला लेकर रहूंगा। इससे मरीज सन्न रह गई। परिजनों ने डॉक्टर पर गाली-गलौज करने का आरोप लगाया है।
नर्सो ने बचाई जान
परिजनों का आरोप है कि मरीज की हालत ठीक नहीं होने के बावजूद डॉक्टर ने उसके गले में तीन से चार बार रॉड और चिमटी डाली। इससे उसका दम घुटने लगा। इस बीच वहां मौजूद नर्सो को बीच-बचाव करना पड़ा। उन्होंने डॉक्टर को मरीज की जान चली जाने की दुहाई देकर उसे ओटी से बाहर निकाला। ओटी से बाहर आकर जब महिला ने यह बात अपने पति को बताई तो हड़कंप मच गया। शैलेष ने आनन-फानन में अपने साथियों को फोन कर दिया। देखते ही देखते कांग्रेसी नेता जितेंद्र तिवारी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंच गए।
अच्छे संबंध थे तो ऐसा बर्ताव क्यों?
परिजनों का कहना था कि डॉक्टर मरीज को डिस्चार्ज करने का दबाव भी बना रहे थे। शैलेष का कहना है कि शिल्पा के पिता राम निरंजन उपाध्याय पहले भाजपा में थे और फिर सपा में आ गए। उनके डॉ। शर्मा से अच्छे संबंध हैं। रविवार को उन्होंने डॉक्टर को फोन करके मरीज को बेहतर तरीके से इलाज करने की सिफारिश की थी। इसके बाद अचानक मंगलवार को डॉक्टर का मरीज प्रति बुरा बर्ताव सभी की समझ से बाहर था। परिजनों का कहना है कि इसकी शिकायत थाने में की जाएगी।
वर्जन:::
मरीज की सफाई करने के लिए ट्यूब डाली गई थी। उसे निकालते समय थोड़ा सा मरीज को दर्द हुआ होगा। मैंने इसके लिए परिजनों से क्षमा भी मांग ली है। पता नहीं वह लोग क्यों ऐसा आरोप लगा रहे हैं। कोई डॉक्टर अपने मरीज को आखिर क्यों मारना चाहेगा। मरीज के पिता मेरे परिचित हैं। ये सभी आरोप पूरी तरह निराधार हैं।
-डॉ। कार्तिकेय शर्मा, न्यूरो सर्जन