प्रयागराज ब्यूरो । झूलेलाल नगर वार्ड नंबर 28 के रहने वाले शादाब खान गुरुवार को बहुत परेशान हुए। वह सुबह 12 बजे लूकरगंज स्थित किदवई मेमोरियल गल्र्स कॉलेज पहुंचे थे। काफी देर खोजने के बाद उनका नाम लिस्ट में नहीं मिला। पूछने पर उन्होंने बताया कि इसके पहले बगल के लवकुश इंटर कॉलेज में भी अपना ढूंढकर आए हैं और वहां पर भी मतदाता सूची से उनका नाम नदारद था। पिछले चुनाव में उन्होंने लवकुश कॉलेज में ही वोट डाला था। किसी ने उनका नाम कटवा दिया था। ऐसे सैकड़ों लोग वोटिंग के दौरान भटकते नजर आए। उनका नाम भी लिस्ट से नदारद रहा।

ये भी नही डाल पाए वोट

यही हाल कटरा वार्ड का भी रहा। यहां पर नितिश यादव, मो। निसार, अफजल, शेखर, मालती देवी, अफसाना का नाम भी मतदाता सूची में नही मिला। उनका कहना था कि पिछली बार मेरी वाना मेकर कॉलेज में उन्होंने वोट डाला था। इस बार वहां नही मिला तो मेरी लूकस में ढूंढने आए हैं। यहां पर भी नाम नही है। चकिया वार्ड में भी रुखसार, शबाना, गिरीश, विजय, अनिल भी अपना नाम ढूंढते नजर आए। जीतेश का घर बख्तियारी में है और उनके परिवार के तीन लोगों के नाम गायब मिले। उसकी जगह कोई दूसरे नाम ऐड हो गए थे। इससे वह परेशान हो गए। इसी तरह अटाला, कालिंदीपरम, राजरूपपुर, सिविल लाइंस, अशोक नगर, राजापुर में भी हाल रहा। लोग अपना नाम मतदाता सूची में तलाश करते नजर आए। सिविल लाइंस टू वार्ड में बीएचएस मतदान केंद्र के 666 व 668 बूथ नंबर पर वोट डालने गए राजेश और गुलाम को भी निराश लौटना पड़ा। एक प्रत्याशी के समर्थकों ने आरोप लगाया कि दोनों बूथों पर कुछ नामों को पहले से क्रास किया गया है। इन लोगों को इस वार्ड का न होना बताकर वापस किया जा रहा है।

पर्ची घर पहुंच गई फिर भी नही मिला नाम

ऐसे मामले भी देखने में आए जिसमें मतदाता पर्ची घर पर पहुंच गई थी लेकिन मतदाता सूची में नाम नही मिला। वोटर्स का कहना था कि यह मामला भी समझ से परे है। कलेक्ट्रेट स्थित चुनावी कंट्रोल रूम में भी आधा दर्जन लोगों ने फोन करके नाम काटे जाने की शिकायत दर्ज कराई है। वार्ड नंबर 70 आईटीआई नैनी से सतीश राय ने फोन करके बताया कि उनका नाम मतदाता सूची में नही है। जबकि उन्होंने नाम काटे जाने की कोई अप्लीकेशन नही दी थी। इसी प्रकार हिम्मतगंज काला डांडा की एक महिला ने फोन करके बताया कि उनकी गली के कई नाम सूची से गायब हैं। इसकी जांच की जानी चाहिए।

मृतकों के नाम मौजूद, जीवित के गायब

नखास कोहना वार्ड में खलीफा मंडी मोहल्ले में गणेश अग्रहरि के बेटे संदीप का नाम सूची से गायब रहा जबकि दिवंगत दादी केवला देवी, दक्खिनी प्रसाद, त्रिभुवन गुप्ता का नाम मतदाता सूची में मौजूद था। इसे देख्कर लोगों के होश उड़ गए। मृतक बुद्धू लाल का नाम था लेकिन उनके बेटों विष्णु, राजू और संदीप केसरवानी के नाम सूची में नही थे। इसी क्रम में पुराना फाफामऊ के वार्ड 56 निवासी दशरथ भारतीय के अनुसार उनके परिवार में 16 मतदाता हैं। जिसमें से एक दर्जन लोगों का नाम सूची से गायब हो गया। अलोपीबाग में रहने वाले दीपक खेर ने बताया कि परिवार में 16 मतदाता हैं और इनमें से 10 के नाम सूची में नही हैं।

बीएलओ की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

लोगों का कहना था कि बीएलओ की लापरवाही से ऐसा हुआ है। प्रशासन की ओर से बीएलओ को घर घर जाकर नए नाम जोडऩे और विस्थापित या मृत नामों को हटवाने को कहा गया था। लेकिन, बीएलओ स्पॉट पर नही गए और दूसरों की कही सुनी में आकर अपने से नाम जोड़े या काट दिए गए। कुछ प्रत्याशियों के समर्थकों ने साजिशन बीएलओ की मिलीभगत से नाम कटवाए हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। सैकड़ों ऐसे वोटर रहे जो इस लापरवाही की वजह से अपने वोट का इस्तेमाल नही कर सके।