प्रयागराज (ब्यूरो)।क्या आप रोजाना सात से आठ घंटे स्मार्ट फोन के साथ बिताते हैं। अगर ऐसा है तो आंखों के सामने धुंधला दिखना, अंधेरा छा जाना या आंखों के सामने लाइनिंग बनना जैसे लक्षण फेस करने पड़ सकते हैं। यह लक्षण स्मार्ट फोन विजन सिंड्रोम बीमारी के कारण होते हैं। आजकल अधिकतर लोगों में यह बीमारी दिख रही है। कारण कई-कई घंटे स्मार्ट फोन और लैपटॉप के साथ बिताना है।
किसलिए बढ़ रहे हैं मामले
डॉक्टर्स का कहना है कि यह काफी कॉमन सिंड्रोम है। कोरोना काल के बाद से लोगों की पढ़ाई, नौकरी सहित अन्य चीजों में स्मार्ट फोन और लैपटॉप पर निर्भरता बढ़ गई है। इनके अधिक इस्तेमाल से यह सिंड्रोम परेशान कर सकता है। इसकी वजह से कई तरह के लक्षण सामने आ सकते हैं। इतना ही नही, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह सिंड्रोम अधिक परेशान कर सकता है।
एग्जाम्पल वन
सिविल लाइंस की रहने वाली रानी दुबे एक हाउस वाइफ हैं। घर में कामकाज के लिए नौकर चाकर लगे हुए हैं। यही कारण है कि वह रोजाना आठ से दस घंटे मोबाइल फोन पर बिताती हैं। पिछले कुछ दिनों से उनको आंखों से परेशानी हो रही थी। अधिक आंसू आने के साथ ड्राईनेस फील हो रही थी। फिर कुछ दिन बाद धुंधला पन बढऩे लगा। डॉक्टर्स से चेकअप कराया तो कुछ नही निकला। पूछने पर बताया कि मोबाइल का अधिक यूज करती हैं। डॉक्टर ने फोन से दूरी बनाने की सलाह दी। एक माह बाद सभी लक्षण कम हो गए। बाद में पता चला कि वह स्मार्ट फोन विजन सिंड्रोम का शिकार हो गई थीं।
एग्जाम्पल टू
आईटी इंजीनियर सुलभ की आंखों में पिछले दो माह से कुछ ऐसे ही सिम्प्टम्स दिखने लगे थे। उन्होंने डॉक्टर को दिखाने के साथ जांच भी कराई, लेकिन कोई फायदा नही निकला। जांच में सब फिट था लेकिन लक्षण नही जा रहे थे। ऐसे में दिल्ली इलाज कराने चले गए। वहां पर डॉक्टर्स ने बतायाकि इन्हे स्मार्ट फोन विजन सिंड्रोम की शिकायत हो गई है। इन्हें दवाएं देने के साथ फोन से दूरी बनाने की सलाह दी गई है। इसके बाद उन्हें आराम दिखने लगा।
बचने के उपाय
कमरे की लाइट आफ करके फोन का अधिक यूज न करें। लाइटिंग बेहतर होने पर ही फोन चलाएं।
चश्मा लगा है तो एंटी ग्लेयर गॉगल का इस्तेमाल किया जाए।
इसके अलावा ब्लू लाइट कम करने वाले चश्मे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
आंधे घंटे के अंतर में फोन और लैपटाप का यूज करें। आंखों को थोड़ा रिलैक्स दें।
विटामिन ए और विटामिन सी युक्त चीजों को खानपान में शमिल करें। जैसे बादाम, मछली, गाजर, पालक, अखरोट, काजू, मूंगफली आदि।
बच्चों को मत दें फोन
डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चों से मोबाइल फोन को दूर रखना जरूरी है। उनकी आंखों पर जल्दी इसका असर होता है। वर्तमान में सौ में से चालीस फीसदी बच्चों को मोबाइल और टीवी की वजह से चश्मा लग रहा है। उनको इससे दूर रखना पैरेंट्स की जिम्मेदारी है। एक बार चश्मा लगने के बाद आजीवन उसका नंबर बढ़ता रह सकता है।
फोन का अधिक इस्तेमाल करने से इस प्रकार की बीमारियों की संख्या बढ़ रही है। लोगों को सोचना होगा कि रोजाना कितना मोबाइल फोन यूज किया जाए। इसकी लिमिट तय की जानी चाहिए। इस बीमारी के और भी कई लक्षण सामने आ सकते हैं।
डॉ। एसपी सिंह, प्रिसिपल
एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज