प्रयागराज (ब्यूरो)।स्वच्छता सर्वेक्षण में पूछे गए प्रश्न पर 'दैनिक जागरण आईनेक्स्टÓ ने किया ऑनलाइन सर्वे का प्रयास--हेड क्रासर
समग्र स्वच्छता पर संतुष्ट की अपेक्षा बिल्कुल संतुष्ट नहीं दिखने वालों की संख्या मिली अधिक
स्वच्छता सर्वेक्षण की डेड लाइन में 25 दिन हैं अभी शेष, नगर निगम प्रयास से बढ़ा सकता है रेटिंग
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू है जो 15 अगस्त तक चलेगी। इस सर्वेक्षण में शहर के अंदर सफाई पर कुल नौ सवाल पूछे गए हैं। इसमें एक प्रश्न 'आप अपने शहर में समग्र स्वच्छता को लेकर संतुष्ट हैं या बहुत संतुष्ट हैं या फिर बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं अथवा नगर निगम को कोसना है इसलिए असंतुष्ट हैं.?Ó भी शामिल है। इस सवाल पर शुक्रवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने ऑनलाइन सर्वे का प्रयास किया। इस सर्वे में शामिल करीब हुए 120 से अधिक लोगों से मिले जवाब पर गौर करें तो स्वच्छता सर्वेक्षण में टॉप पर आने के लिएनगर निगम को कुछ और बड़े प्रयास करने होंगे। क्योंकि जवाब में संतुष्ट लोगों की अपेक्षा बिल्कुल संतुष्ट नहीं होने वालों की तादाद अधिक पाई गई है। स्वच्छता सर्वेक्षण की डेड लाइन में अभी 25 दिन शेष हैं। इस लिए इन 25 दिनों में नगर निगम को कुछ ऐसा सुधार करना होगा जिससे समग्र स्वच्छता को लेकर असंतुष्ट लोगों की थॉट चेंज हो सके।
120
से ज्यादा लोग ऑनलाइन सर्वे में हुए शामिल
37.5
प्रतिशत लोगों समग्र स्वच्छता से संतुष्ट
12.5
प्रतिशत लोगों ने कहा बहुत संतुष्ट
41.7
प्रतिशत लोग बिल्कुल संतुष्ट नहीं है
8.3
प्रतिशत नगर निगम को कोसना है इस लिए हैं असंतुष्ट
हर साल खर्च होते हैं करोड़ों रुपये
नगर निगम द्वारा शहर में समग्र सफाई व्यवस्था होने का दावा आए दिन किया जाता है। शहर में सफाई के कार्यों पर नगर निगम हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है। इस पैसे सड़कों व गलियों में झाड़ू, घर-घर कूड़ा कलेक्शन, जगह-जगह डस्टविन लगाने व कचरा प्रबंधन पर खर्च किया जाता है। दावा है कि शहर में कुल करीब तीन हजार सफाई कर्मचारी लगाए गए हैं। यह सफाई कर्मी शहर के सभी बीसों वार्डों में झाड़ू लगाने का काम करते हैं। इसी तरह घर-घर कूड़ा कलेक्शन का काम प्राइवेट कंपनियों को दिया गया हैं। कंपनियों के जरिए पूरे शहर में करीब 200 से भी अधिक गाडिय़ां कूड़ा कलेक्शन में लगाई गई हैं। जिनके जरिए हर सुबह आठों जोन में घर-घर जाकर कूड़ा कलेक्शन का काम करती हैं।
15 अगस्त तक चलेगा सर्वेक्षण
प्राप्त कचरे को डिस्पोज करने के लिए नैनी के बसवार में कंपनियों जरिए के प्लांट लगाया गया है। दावा है कि प्रति दिन 600 मीट्रिक टन कचरा शहर के अंदर निकलता है। गीला और सूखा व अन्य घरेलू खराब मटेरियल को अलग-अलग कलेक्शन किए जा रहे हैं। बताते हैं कि इन्हीं दावों व व्यवस्थाओं को देखते हुए सरकार हर साल शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण कराती है। यह ऑनलाइन कराया जाने वाला यह स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा है जो 15 अगस्त तक चलेगा। ऑनलाइन स्वच्छता सर्वेक्षण के एप पर पब्लिक से शहर में सफाई को लेकर कुल नौ सवाल पूछे गए हैं। इसी में एक प्रश्न यह भी है कि 'आप अपने शहर में समग्र स्वच्छता को लेकर संतुष्ट हैं या बहुत संतुष्ट हैं या फिर बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं अथवां नगर निगम को कोसना है इस लिए असंतुष्ट हैं.?Ó
ऐसे किया गया ऑनलाइन सर्वे
स्वच्छता सर्वेक्षण में पूछे गए प्रश्न पर पब्लिक ओपीनियन जानने के लिए 'दैनिक जागरण आईनेक्स्टÓ ने ऑन लाइन सर्वे किया
सबसे पहले गूगल पर सर्वे पेज बनाया गया फिर सर्वेक्षण में पूछे गए 'आप अपने शहर में समग्र स्वच्छता को लेकर संतुष्ट हैं या बहुत संतुष्ट हैंÓ सवाल पर जवाब मांगा गया।
'दैनिक जागरण आईनेक्स्टÓ के इस ऑनलाइन सर्वे में चार बजे तक प्रयागराज के कुल 120 से अधिक लोग पार्टीशिपेट किए और जवाब दिए
इसमें 37.5 प्रतिशत लोगों उत्तर दिया कि वह शहर में समग्र स्वच्छता से संतुष्ट हैं, जबकि 12.5 प्रतिशत लोग बहुत असंतुष्ट होने के ऑप्शन पर क्लिक किए
सर्वाधिक 41.7 प्रतिशत लोगों ने बिल्कुल संतुष्ट नहीं होने के ऑप्शन पर क्लिक कर अपना राय दिया। वहीं 8.3 प्रतिशत ऐसे लोग थे जो नगर निगम को कोसना है इस लिए असंतुष्ट हैं पर क्लिक किए।
इस तरह सर्वेक्षण में आप लें हिस्सा
सर्वेक्षण एप पर अब तक 11 हजार लोगों ने अपना व्यू दिया है। नगर निगम के स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़े अफसरों का कहना है कि अभी यह आंकड़ा और भी बढ़ेगा। क्योंकि स्वच्छता सर्वेक्षण का कार्य 15 अगस्त तक चलेगा। लोग गूगल पर स्वच्छता सर्वेक्षण को सर्च करके अपना जवाब दे सकते हैं। सर्च करते ही नगर निगम प्रयागराज का पेज खुल जाएगा। उसमें पूछे गए कुल नौ सवालों पर सिर्फ क्लिक करके हां या नहीं में जवाब जवाब देगा। क्लिक करने के बाद सबमिट कर देना है। चूज किया गया उत्तर अपने आप सेफ हो जाएगा।
पब्लिक कोट
हमारे यहां झाड़ू लगाने वाला आता है। मगर कूड़ा कलेक्शन करने वाली गाड़ी हर रोज नहीं आती। हम शहर के समग्र स्वच्छता को बेहतर कैसे कह सकते हैं। नाली व नाला सफाई की स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं है।
अनूप कुमार, झूंसी
नगर निगम सफाई व्यवस्था पर सिर्फ पैसा खर्च करना जानता है। जगह-जगह लगाई गई तीन तरह की डस्टबिन से सफाई कर्मी कूड़ा कलेक्ट नहीं करते। काफी कहने व निवेदन करने के बाद हफ्ते में एकाध दिन वह आधा अधूरा कचरा डस्टबिन से निकालते हैं। फिर संतुष्ट कैसे हो सकते हैं।
राशिद खान, सिविल लाइंस
शहर में नाली और नालों की सफाई का हाल ठीक नहीं है। झाड़ू लगाने का काम तो होता है, मगर कचरा रोड से उठाने में लापरवाही बरती जाती है। सफाई कर्मी झाड़ू लगाकर कचरा रोड पर एक जगह छोड़ देते हैं। जिससे वह फिर सड़कों पर फैल जाता है।
धीरेंद्र तिवारी, चकिया
हमारे एरिया में झाड़ू भी लगती है और कूड़ा कलेक्शन की गाड़ी भी आती है। मगर गाड़ी एक जगह खड़ी कर देते हैं। ऐसी स्थिति में जिनके घर दूर होते हैं वह कचरा रोड पर ही डाल देते हैं। व्यवस्था ठीक ही है। बहुत अच्छी नहीं बहुत खराब भी नहीं है। पब्लिक को खुद भी सफाई को लेकर जागरूक होना होगा।
ब्रम्हानन्द, खुल्दाबाद