प्रयागराज ब्यूरो । कई बार दिखा जाता है कि मरीज का प्लेटलेट्स कम है। मगर अन्य कोई दिक्कत नहीं हो रही है। अगर बॉडी में नीला पडऩा, दांतों, मसूड़ों व नाक से खून निकलना है तो खतरनाक है। शहर के विभिन्न व हाट-स्पाट क्षेत्र में डेंगू-मलेरिया लार्वा सर्वे अभियान चलाने का आदेश दिया गया है। अभियान के तहत डेंगू विभाग की टीम घर-घर जाकर डेंगू-मलेरिया के लार्वा तलाश किए और जिन घरों में लार्वा पाए गए उन्हें चिन्हित कर नोटिस थमाया जाएगा। यह ही नहीं, यह सर्वे टीम बचाव के लिए क्या कुछ करना चाहिए। यह भी लोगों को बताने का काम करेगी। वहीं सीएमओ नानक सरन ने बताया कि कार्ड टेस्ट भारत सरकार के हिसाब से मान्य प्रमाणित नहीं है। एलाइजा टेस्ट ही मान्य है जो मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के लैब में होती है। अभी प्रयागराज के प्राइवेट लैब एलाइजा टेस्ट की सुविधा नही है और कोई अधिकृत भी नहीं है। यह भी जानकारी दी गई कि शहर में सरकारी व प्राइवेट मिलाकर कुल सात ब्लड बैंक है। अस्पतालों में बेड की कंडीशन सही है। दवाईयां भी प्राप्त है।

बीस हजार प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर भी पर्याप्त
डेंगू की वजह से लोगों में प्लेटलेट्स को लेकर घबराहट बढ़ी है। बीस हजार प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर भी पर्याप्त है। इतनी मात्रा भी रक्तस्राव को रोक लेती है। हालांकि बारिश के मौसम में वायरस संक्रमण से प्रति लाख में करीब बीस मरीजों में इम्यून थ्रांबोसाइटोपेनिया हो सकता है। इसमें शरीर स्वयं प्लेटलेट्स नष्ट करने लगती है। हालांकि इसका इलाज संभव है।