प्रयागराज (ब्यूरो)। बच्चों का रुझान फास्ट फूड की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। उन्हें स्कूल टिफिन में चाऊमीन, नूडल्स, पास्ता और बर्गर चाहिए। इसका असर उनकी सेहत पर पड़ रहा है। बच्चे कुपोषित हो रहे हैं। उनके भीतर ताकत की कमी हो रही है। डाबर वीटा और नरिश प्रजेंट्स दैनिक जागरण आई नेक्स्ट हेल्थ मीटर इवेंट के दौरान लगाए गए हेल्थ कैंप में डॉक्टरों ने यह बात कही। गुरुवार को सिविल लाइंस के वशिष्ठ वात्सल्य स्कूल और कटघर पांडेय चौराहा स्थित गोल्डन नर्सरी और ग्रीन लांस में यह कैंप लगाए गए थे। इस दौरान डॉक्टर्स ने बच्चों को तमाम तरह के हेल्दी टिप्स दिए।
बांटे गए हेल्थ स्कोर कार्ड
हेल्थ चेकअप कैंप में डॉक्टरों ने बच्चों का कम्प्लीट चेकअप कर उन्हें हेल्थ स्कोर कार्ड भी थमाया। जिसमें लिखा था कि उनके दांतों और मसूड़ों की क्या स्थिति है। हाइजीन का लेवल क्या है। आंखों में रोशनी पर्याप्त है या आई साइट वीक हो गई है। बच्चे को जुकाम बुखार है या वह पूरी तरह से फिट है। यह रिपोर्ट कार्ड पैरेंट्स को लेकर जाकर बच्चे दिखाएंगे। जिससे उन्हें पता चलेगा कि हेल्दी पैरेंटिंग में कहां कमी रह गई है।
ये डॉक्टर रहे मौजूद
डॉॅ। अभिलाषा (डेंटिस्ट)
डॉ। माधुरी (डेंटिस्ट)
डॉ। रंजन बाजपेई (डेंटिस्ट)
डॉ। मनोज मिश्र (डेंटिस्ट)
डॉ। अरुणेश मिश्रा (डेंटिस्ट)
डॉ। सौरभ श्रीवास्तव (डेंटिस्ट)
डॉ। ओजस्विता पांडेय (डेंटिस्ट)
डॉ। निहारिका निगम (डेंटिस्ट)
डॉ। एपी सिंह (डेंटिस्ट)
डॉ। जया अग्रवाल (डेंटिस्ट)
डॉ। विभुधेश (आई स्पेशलिस्ट)
डॉ। शितांशु शुक्ला (आई स्पेशलिस्ट)
डॉ। गीतांजलि (रेजिडेंट)
डॉ। धर्मवीर (रेजिडेंट)
सैय्यद मजहर अब्बास (आप्टोमेट्रिस्ट)
संजय सिंह (आप्टोमेट्रिस्ट)
डॉ। राजेश (फिजीशियन)
डॉ। आकाश (फिजीशियन)
टिफिन में दें पौष्टिक भोजन
डॉक्टर्स का कहना था कि बच्चों के टिफिन में हमेशा पौष्टिक भोजन रखा जाना चाहिए। फास्ट फूड से बचना होगा। इससे बॉडी को प्रॉपर न्यूुट्रिशन नही मिलता है। अधिक कैलोरी होने से फैट बढ़ जाता है। प्रोटीन और विटामिन मिनरल्स की मात्रा कम होने से बच्चा जल्दी थक जाता है और उसे पढ़ाई में दिक्कत होती है। इसलिए माताओं को टिफिन में घर का बना हेल्दी फूड ही सर्व करना चाहिए।
हाइजीन है बड़ा इश्यू
कई बच्चों के जांच के दौरान हाथ के नाखून बड़े पाए गए। डॉक्टर्स का कहना था कि इससे हाइजीन लेवल लॉस होता है। गंदगी नाखूनों के सहारे पेट में जाती है और इंफेक्शन के आसार बढ़ जाते हैं। बालों की सफाई नही होने से खुजली होती है और रूसी आंखों की पलकों पर जमने लगती है। डॉक्टर्स ने बच्चों को प्रॉपरली नेल्स और हेयर कट कराने की हिदायत भी दी।
समय समय पर आई टेस्ट जरूरी
कई बच्चों ने बताया कि उन्हें दूर का धुंधला दिखता है। इस पर डॉक्टर्स ने बच्चों को चश्मा लगाने की सलाह दी। उन्होंने पैरेंट्स से कहा है कि समय समय पर बच्चों का आई टेस्ट जरूरी है। साथ ही डेंटिस्ट्स ने कहा कि ओरल हाइजीन बेहद जरूरी है। दांतों की सफाई के साथ बच्चों को स्टिकी फूड कम खाने को दिया जाए। इससे मसूड़ों में कैविटी के चांसेज बढ़ जाते हैं।
हमारे स्पांसर्स
डाबर वीटा
नरिश, न्यूट्रीशन का वादा
अनमोल बिस्कुट
इन स्कूलों में लगा कैंप
वशिष्ठ वात्सल्य, सिविल लाइंस
ग्रीन लांस स्कूल, राजापुर
गोल्डन नर्सरी, कटघर चौराहा