प्रयागराज (ब्‍यूरो)। डॉ। केएम चौधरी (डीडी उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, प्रयागराज) ने बताया कि गंगा और यमुना के बीच का दोआबा इलाहाबादी अमरूद के बेस्ट स्थान है, अपनी धरोधर को बचाना है तथा अमरूद को प्रोसेस करके कई प्रकार की वस्तुए जैसे टाफी कैन्डी इत्यादि बनाया जा सकता है। गोष्ठी में डॉ धीरेन्द्र राजन ने मुख्य अतिथि और चौधरी साहब के विचारो का समर्थन करते हुए किसानों को अमरूद के संरक्षण पर जोर देने के लिए कहा व पोस्ट हरवेस्ट मैनेजमेंट के बारे मेें चर्चा की।

उत्पादों का किया प्रदर्शन
किसानों ने कार्यक्रम में अपने अमरूद के उत्पादों का प्रदर्शन किया, प्रदर्शिनी में लगभग 70 से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के अन्त में विशेषज्ञों द्वारा किसानों के उत्पाद के आधार पर सुर्खा अमरूद में मनबोध कुशवाहा को प्रथम पुरस्कार, कृष्णा नन्द पटेल को द्वितीय पुरस्कार दिया गया। सफेद अमरूद में विकास सोनकर को प्रथम पुरस्कार तथा राजेन्द्र सोनकर को द्वितीय पुरस्कार तथा सभी सम्मिलित किसानों को प्रोत्साहन पुरस्कार मुख्य अतिथि ने दिया। कार्यक्रम का संचालन निदेशक डॉ गोपाल कृष्ण ने किया। अन्त में श्री दिनेश कुमार ने सभीे अतिथियों एवं प्रतिभागी किसानों का धन्यवाद किया। नाबार्ड समर्थित-पद्मनाभा किसान उत्पादक कम्पनी में कार्यक्रम में सहयोग प्रदान किया।