प्रयागराज (ब्‍यूरो)। रेलवे स्टाफ अपनी पहचान बताने के लिए डिजिटल नेम प्लेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। ताकि किसी भी संकट और बीमार होने पर उनकी पहचान आसानी से हो सके और संभावित मदद मिल जाए। अधिकांश ड्राइवरों ने डिजिटल तकनीक के माध्यम से नेम प्लेट बनवाकर अपनी पूरी डिटेल दे रखे है। वे इस प्लेट को शर्ट के ऊपर हिस्से में लगा रखे है। हर किसी की नजर आसानी से इस पर पड़ जाए। डिजिटल नेम प्लेट को लगाए देख लोग भी पूछ ले रहे है। आखिर क्या रेलवे की तरफ से दी गई है? इस पर स्टाफ का कहना है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए खुद लगाकर चल रहे हैं। भीड़ में अलग दिखाई पडऩे के साथ स्मार्ट लुक भी देता है। इसे लगाने वाले स्टाफ बताते है कि गलत व्यवहार जैसे समस्या को होने से भी बचाता है। वह अपने खर्च से लगाकर खरीद रहे हैं।

डयूटी के दौरान मोबाइल रहता है बंद
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में लोको-पायलट सुमित रंजन का कहना है कि इस डिजिटल नेम प्लेट के लगाने से कई फायदे हैं। खासतौर पर रेलवे स्टाफ को। क्योंकि डयूटी के दौरान मोबाइल बंद रहता है। हादसे या फिर संकट के बाद इस नेम प्लेट के जरिए कर्मचारियों के बाबत पूरी जानकारी आसानी से मिल जाएगी।
बताया कि यह डिजिटल नेम प्लेट बराबर जलता रहता है। इसमें घर के एक जिम्मेदार व्यक्ति का नंबर, घर का एड्रेस और किस मंडल से संबंधित है। लोग आसानी से संपर्क कर सकते है। इसके साथ ही रेलवे लाइन पर किसी कारण वश उतरने पर दूर-दराज अन्य लोगों को दिखाई पड़ जाता है। वहां कोई खड़ा है।

अब प्रयागराज में भी उपलब्ध
एलइडी नेम प्लेट का इस्तेमाल कर रहे लोको-पायलट सुमित रंजन ने बताया कि पहले दिल्ली से लाना पड़ता था। आर्डर देने के बाद इसे विशेष तौर पर बनाया जाता था। लेकिन अब यह प्रयागराज में भी बनने लगा है। साथी अब यहीं से बनवा रहे है। इसमें दो बैटरी लगी होती है। जिसे लगभग चार माह बाद बदलनी पड़ती है। एक बार चार्ज करने पर 14 घंटे तक चलता है।

5000 के करीब लोको-पायलट हैं प्रयागराज मंडल में
1800 अकेले प्रयागराज में लोको-पायलट दे रहे अपनी सेवा
550 से अधिक लोको-पायलट छिवकी में दे रहे सेवा
10 से पंद्रह लोको-पायलट पहले लगाते थे डिजिटल नेम प्लेट
700 के करीब लोको-पायलट लगा रहे डिजिटल नेम प्लेट

लोको-पायलट खुद से खरीद कर डिजिटल नेम प्लेट लगा रहे हैं। रेलवे की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं है। टिकट कलेक्टर से अलग नजर आने के लिए लगाकर चल रहे हैं।
अमित कुमार सिंह, प्रयागराज मंडल पीआरओ