- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से म्योराबाद वार्ड के लोगों ने शेयर की प्रॉब्लम

एक तरफ रोड पर जगह-जगह इंटरलॉकिंग उखड़ गई है तो दूसरी ओर नाली टूट जाने से रोड पर गंदा पानी फैलता है वहीं रोड पर लोगों द्वारा कूड़ा फेंक दिया जाता है, जिससे और भी बुरी स्थिति हो जाती है। इसके अलावा बारिश के बाद रोड पर चलना मुश्किल भरा सफर होता है। यह सीन है म्योराबाद वार्ड मनु आश्रम के सामने रोड की। वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि सफाई कर्मी 10-12 दिन बाद कूड़ा उठाने आता है तो वहीं बारिश के दिनों में रोड के गड्ढों में पानी भर जाने से चलना दुर्घटना को दावत देना होता है।

इस रोड पर जगह-जगह इंटरलॉकिंग उखड़ गई है, जिससे इस रोड पर दो पहिया वाहन लेकर चलने पर चोटिल होने का खतरा बना होता है।

आशीष गुप्ता,स्थानीय नागरिक

एक तरफ पब्लिक रोड पर कूड़ा फेंक देती है वहीं दूसरी ओर सफाईकर्मी पर-डे नहीं आते हैं, जिससे रोड पर कूड़े का ढेर बन जाता है।

राहुल सिंह, स्थानीय नागरिक

रोड की नाली भी टूटी हुई है, जिससे घरों का गंदा पानी सड़क पर फैल जाता है। जिससे रोड पर चलना दूभर होता है। कभी-कभी लोग फिसल कर गिर जाते हैं।

अंशु धवल,स्थानीय नागरिक

इस रोड की स्थिति बहुत खराब है, यहां से चलना और भी खतरनाक हो जाता है ,जब बारिश हो जाती है। बारिश के बाद रोड पर जलभराव होने से चलना रिस्क से कम नहीं होता है।

अनिल श्रीवास्तव, स्थानीय नागरिक

रोड पर इंटरलॉकिंग उखड़ जाने के बाद यदि बारिश हो जाती है तो पता ही नहीं चलता कि गड्ढा कहां है, खासकर अनजान लोगों इस रोड पर चोटिल हो जाते हैं।

शुभम, स्थानीय नागरिक

हां रोड की इंटरलॉकिंग उखड़ गई है, पर जहां तक सफाई की बात है तो सफाई कर्मी पर-डे आता है, पर उसके जाने के पब्लिक फिर से कूड़ा फेंक देती है। मैं क्षेत्रीय लोगों से व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये समस्या की जानकारी लेकर साल्व करने की कोशिश करता हूं।

जयेंद्र कुमार, पार्षद, वार्ड नंबर आठ, म्योराबाद

रोड खोदकर भूल गये बनाना

ये तस्वीरें हैं कैन्ट एरिया स्थित सदर बाजार की करीब 10 माह पहले सीवर व पानी की पाइप लाइन बिछाने के लिए सदर बाजार की हर गलियों को राइट लेफ्ट दोनों साइड खोदा गया था। इन्टरलाकिंग भी तोड़ दी गई। एक दो महीने काम बहुत तेजी से चला उसके बाद ठेकेदार और उसके आदमी काम आधा अधूरा छोड़कर चले गये। पहले तो सड़कों और गलियों में बड़े-बड़े गड़ढे थे, जिससे आवागमन में क्षेत्रीय लोगों को आने-जाने व अपने घरों के सामने वाहन खड़ा करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इस समस्या को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की गई पर गड्ढ़ायुक्त गलियों और सड़कों की ओर जरा भी ध्यान नहीं दिया गया।

लापरवाही से आजिज लोगों ने खुद ही मलबा डालकर गडढ़ों को पाट दिया ताकि सुगमता के साथ आवागमन हो सके और कोई गिरकर चोटिल न हो, लेकिन लोगों को ये प्रयास नाकाफी है, बारिश के मौसम में स्थिति काफी खराब हो जाती है.साथ ही कूड़े का अम्बार भी कई स्थानों पर देखने को मिल जाएगा पार्क के नाम पर बाउंड्री बनाकर छोड़ दी गई है, जिसमें सिर्फ गंदगी ही गंभीर भरी पड़ी है।