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टन कचरे का पर-डे किया जायेगा निस्तारण
700
डिग्री सेंटीग्रेट पर गलाया जाएगा प्लास्टिक को
1000
लीटर पर-डे डीजल बनाने का रखा गया है लक्ष्य
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बसवार में प्रतिदिन 1000 लीटर डीजल का होगा उत्पादन, आज से शुभारंभ
प्लास्टिक कचरे का सही सदुपयोग होने से पर्यावरण को भी फायदा होगा। प्लास्टिक कचरे के जला देने से पर्यावरण को नुकसान होता है, जबकि उसे नाले-नालियों में फेंक देने से पानी के ओवर फ्लो की समस्या बन जाती है। पर अब नगर निगम की कवायद रंग लाने वाली है। दरअसल नगर निगम के बसवार प्लांट में कचरे से डीजल बनाने को लेकर चल रही तैयारी पूरी हो चुकी है। गुरुवार को मेयर अभिलाषा गुप्ता इसका इनॉगरेशन करेंगी। यह प्लांट पर-डे दो टन कचरे का निस्तारण करके डीजल, गैस व कोयले की राख बनायेगा।
80 लाख की लागत से बना है प्लांट
नगर निगम प्रशासन ने बसवार स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट के संचालन की जिम्मेदारी हरी भरी को दी है। एजेंसी पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्लास्टिक के कचरे से डीजल गैस और कपड़े से कोयले का पाउडर बनायेगा। हरी भरी की ओर से करीब 80 लाख रुपये की लागत से बसवार में अलग प्लांट तैयार किया गया है।
70 परसेंट निकलेगा डीजल
प्लास्टिक के कचरे से डीजल, गैस और कपड़े से कोयले का पाउडर बनाने के लिए दो टन क्षमता का प्लांट बनकर तैयार है।
उत्पादन के लिए पायरोलाइसिस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
इसके तहत प्लास्टिक कचरे को 700 डिग्री सेंटीग्रेट पर गलाया जाएगा।
इससे करीब 70 फीसद डीजल निकलेगा और बाकी की गैस बनेगी।
प्लांट में पर-डे करीब 1000 लीटर डीजल तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
हॉटमिक्स प्लांट को चलाने के काम आयेगा डीजल
कचरे से प्राप्त डीजल की क्वालिटी सामान्य डीजल से कमतर होगी। इसका इस्तेमाल हॉटमिक्स प्लांट को चलाने में किया जायेगा। रोड बनाने में हॉटमिक्स प्लांट का यूज किया जाता है। वहीं जो गैस बनेगी उसी से प्लांट का संचालन भी किया जाएगा। कपड़े के जलने पर कोयले का पाउडर भी निकलेगा। इस प्रकार का प्लांट महाराष्ट्र के मुंबई, नागपुर व पुणे नगर निगम की ओर से कई सालों से किया जा रहा है।
बसवार में कूडे़ से डीजल बनाने के लिए हरी भरी को प्लांट लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। जो बनकर तैयार हो गया है। मेयर गुरुवार को इस प्लांट का उद्घाटन करेंगी।
उत्तम वर्मा
पर्यावरण अभियंता, नगर निगम प्रयागराज