प्रयागराज (ब्यूरो)। जिले के अंदर चलने वाली रोडवेज की सिटी बसें सुबह 5:35 से संचालन शुरु हो जाती है। लेकिन गुरुवार रूट डायवर्जन होने के चलते पूरामुफ्ती, कचहरी, शांतिपुरम और गोविंदपुर रूट की बसें प्रभावित रही। इन रूटों पर चलने वाली बसों का घुमकर जाना पड़ रहा था। मगर डीजल पुराने रूट के हिसाब से दिया गया था। जिसके चलते बसों का संचालन न करने का सभी ड्राइवरों ने फैसला लिया। पूरामुफ्ति रूट पर 22 बसों का, शांतिपुरम से रेमंड के बीच 18 बसों का संचालन नहीं हुआ। वहीं गोविंदपुर की 10 व कचहरी रूट की सात बसें भी सुबह नहीं चल सकी। इन्हीं रूटों पर यात्रियों को सर्वाधिक परेशानी हुई। अधिकारियों के कान तक मामला पहुंचने पर डीजल मिलने का आश्वासन दिया गया। कर्मचारियों ने ज्ञापन सौंप अपनी बात रखी। जिसके बाद 11 बजे से इन रूटों पर बसों का संचालन शुरु हुआ तो लोगों ने राहत की सांस ली।
प्राइवेट का गाड़ी का लेना पड़ा सहारा
रोजाना की तरह अपने काम व अन्य गंतव्य तक पहुंचने के लिए लोग सड़क किनारे बस के इंतजार में खड़े रहे। काफी देर तक एक भी बस का मूवमेंट न होने से परेशान हो गए। काफी देर तक लोग समझ हीं नहीं पाए आखिर बसों का संचालन क्यों नहीं हो रहा है। कई घंटे खड़े होने के बाद लोगों को जानकारी हुई कि बसों का संचालन ठप है। हजारों लोग अपने गंतव्य पर समय पर नहीं पहुंच पाए। जिनको बहुत ज्यादा इमरजेंसी था। वह मजबूरन में प्राइवेट गाड़ी कर के जाना पड़ा। वहीं कुछ लोगों ने ऑटो व ओला गाड़ी का सहारा लिया।
यहां भी आई समस्या लेकिन कुछ घंटों में हो गई दूर
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने सिविल लाइंस डिपो पर पहुंचकर रूट बढ़ जाने के चलते डीजल की समस्या को लेकर तमाम बसों के ड्राइवर व कंडक्टर से बातचीत की। ड्राइवरों ने बताया कि इस
समय रूट डायवर्जन का पालन करना पड़ रहा है। यह डायवर्जन कांवड़ यात्रा को लेकर किया गया है। इसकी वजह से बसों में डीजल की खपत बढ़ गई है। ऐसे में आठ लीटर डीजल अधिक की डिमांड हो गई है। लेकिन उपलब्ध नही होने से अनुबंधित बसों को काफी परेशान होना पड़ा। जब बात अधिकारियों तक पहुंची तो उन्होंने तेल उपलब्ध कराया, इसके बाद यात्री वाराणसी के लिए रवाना हो सके।
40 लीटर डीजल की खपत बढ़े रूट
वाराणसी तक का होता है। रूट डायर्वजन के चलते आठ लीटर डीजल की खपत एक्स्ट्रा हो गया है। यह खपत अप एंड डाउन का है।
- जितेंद्र यादव
158 लीटर डीजल गोरखपुर रूट के लिए मिलता है। बसों के डीजल का मानक तय है। एक बस छह का एवरेज देती है। उसी हिसाब से डीजल मिलता है।
नंदलाल
शुुरुआत में दिक्कत आई लेकिन अधिकारियों ने कहा अनुबंधित बस को भी उतना ही डीजल मिलेगा। तब जाकर सकून मिला। किराया बढ़ा है तो डीजल भी बढऩा तय है।
सुरेंद्र यादव
बसों के संचालन न होने की सूचना मिलते ही तत्काल बातचीत कर समस्या का निस्तारण किया गया। कनिष्ठ अधिकारियों को मौके पर भेजा गया। बस चालक व परिचालकों ने अपना ज्ञापन सौंपा, जिसमें रूट डायवर्जन के बाद अतिरिक्त डीजल न दिए जाने की शिकायत पर डीजल दिए जाने का आश्वासन दिया गया।
एमके त्रिवेदी, रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक