प्रयागराज (ब्यूरो)। यूं तो जिले में डायबिटीज के मरीजों की संख्या लाखों में है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की एनसीडी सेल द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों के अंतर्गत कैंप लगाकर जांच की गई। जिसमें छह हजार डायबिटिक मरीजों को चिंहित कर उनको निशुल्क दवाएं दी जा रही हैं। यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी। इसके साथ ही डायबिटिक मरीजों का पासपोर्ट कार्ड भी बनाने की तैयारी शुरू हो गई है।
कार्ड पर क्या मिलेंगी सुविधाएं
वर्तमान में डायबिटीज मरीजों को एक बार में 15 दिन की निशुल्क दवाएं दी जा रही हैं। कार्ड बनने के बाद एक माह की दवाएं मिलेंगी।
कार्ड पर मरीज के रजिस्ट्रेशन की तारीख, नाम, पता, मोबाइल नंबर, मेडिसिन का नाम दर्ज होगा।
कोरोना संक्रमण या लॉक डाउन के दौरान घर बैठे एएनएम से डायबिटिक मरीजों की जांच कराई जाएगी। फिर उनको दवा मिलेगी।
कार्ड बनने के बाद मरीजों का पूरा डाटा विभाग के पास मेंटेन किया जाएगा।
मरीज नही आता तो उसको ट्रेस कर आसानी से उसे दवा पहुंचाई जाएगी। मरीज का बेहतर फॉलोअप होगा।
हर 12 से 15 महीने के बाद मरीज का नया कार्ड बनाया जाएगा।
नौ फीसदी है डायबिटीज के मरीज
प्रयागराज की जनसंख्या इस समय 65 लाख से अधिक है।
जबकि डायबिटिक का प्रतिशत पॉपुलेशन का 9 फीसदी है।
इस तरह से जिले में लगभग 6 लाख लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं।
इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद अभी तक ऐसा कोई फुल प्रूफ प्लान नही बना जिससे इन मरीजों की पहचान की जा सके।
लेकिन डायबिटीज कार्ड बनने के बाद इन मरीजों का डाटा कलेक्ट करने में आसानी होगी। केवल कार्ड से उनकी पहचान हो सकेगी।
कितनी घातक है डायबिटीज
डॉक्टर्स बताते हैं कि डायबिटीज बेहद घातक रोग है। इसकी वजह से बॉडी की इम्युनिटी वीक हो जाती है और मरीज पर तमाम विकार हावी होने लगते हैं। डायबिटीज होने के बाद सबसे पहले ब्लड प्रेशर हाई होने लगता है और इसके बाद दिल की बीमारियों या स्ट्रोक की संभावना बढऩे लगती है। किडनी और लीवर पर भी डायबिटीज का उल्टा प्रभाव पड़ता है। अगर सही समय पर इसकी दवा शुरू हो जाए तो मरीज आम जीवन व्यतीत कर सकता है।
ब्लड प्रेशर के मरीजों को अभी तक पासपोर्ट कार्ड दिया जा रहा था। अब यह व्यवस्था डायबिटीज के रोगियों के लिए शुरू की जा रही है। इससे उनको आसानी से टे्रस किया जा सकेगा। जिससे की उनकी दवाएं व्यवस्थित रूप से चलाई जा सकें।
डॉ। वीके मिश्रा
नोडल, एनसीडी सेल स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज