प्रयागराज (ब्‍यूरो)। डीजी जेल एसएन साबत ने मंगलवार को नैनी सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था चेक की। निरीक्षण पर पहुंचे डीजी जेल कंट्रोल रूम गए। वहां से सभी बैरकों को सीसीटी्रवी के जरिए देखा। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर डीजी जेल संतुष्ट रहे, मगर जिला जेल के निर्माण में देरी पर भड़क गए। कार्यदायी संस्था के अफसर को दस दिन में काम पूरा कराने का निर्देश दिया। हालांकि अफसर ने बताया कि पेमेंट में देरी की वजह से काम धीमे चल रहा है। इस पर डीजी जेल ने पेमेंट करवाने की बात कही है।

निरीक्षण करने पहुंचे डीजी जेल
डीजी जेल एसएन साबत मंगलवार को नैनी सेंट्रल जेल पहुंचे। वहां जेल के अफसरों ने डीजी जेल का स्वागत किया। डीजी जेल ने उत्तर प्रदेश निर्माण निगम के आरआई सुमित कुमार से जिला जेल के निर्माण में देरी का कारण पूछा। आरआई ने बताया कि जल्द ही काम पूरा कर लिया जाएगा। इस पर डीजी ने आरआई को दस दिन में काम पूरा करने की बात कही। इस बात पर प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि साल भर से भुगतान में देरी हो रही है। जिस पर काम धीमे चल रहा है। डीजी जेल ने भुगतान समय से करवाने का आश्वासन दिया।

अपार्टमेंट को बताया खतरा
डीजी जेल कंट्रोल रूम गए। वहां स्क्रीन पर बैरकों में लगे सीसीटीवी से सुरक्षा व्यवस्था का जाएजा लिया। सीसीटीवी से जेल का लगभग हर हिस्सा नजर आया। इस पर डीजी जेल संतुष्ट नजर आए। हालांकि जेल के पीछे बने एक अपार्टमेंट को लेकर सुरक्षा पर चिंता जाहिर की। डीजी जेल ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि पीडीए के अफसरों को पत्र भेजकर अपार्टमेंट और जेल के बीच में पचास मीटर ऊंचा परदा लगवाने या फिर दीवार खड़ी करवाने के लिए कहा। डीजी जेल ने आवासीय परिसर में साफ सफाई का निर्देश दिया। डीजी जेल ने कैदियों को मिलने वाले भोजन के बारे में जानकारी ली। महिला बैरक का मुआयना किया। इस दौरान डीजी जेल ने रुद्राक्ष का एक पौधा भी रोपा। डीजी जेल के साथ मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, पुलिस आयुक्त रमित शर्मा, एडीएम सिटी मदन कुमार, डीसीपी अभिनव त्यागी, एसीपी करछना अमित चौहान निरीक्षण में शामिल रहे।
20 करोड़ भुगतान रुकने से देरी
साल भर से कार्यदायी संस्था को करीब 20 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं होने से जिला कारागार का निर्माण कार्य रुका है।
यही कारण है कि कई बार डेड लाइन तय की गई मगर काम पूरा नहीं हो सका।
उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड की देखरेख में 65 एकड़ में बन रही जिला जेल की क्षमता 28 सौ बंदियों की है।
इसमें तीन सर्किल है। हर सर्किल में छह बैरक बने हैं।
एक बैरक में 120 बंदी रखे जा सकते हैं। महिला बैरक भी बना है।
महिला बंदियों के बच्चों के लिए क्रेच बना है। दो हाई सिक्योरिटी बैरक भी है, जिसमें 12 बंदियों को रखा जा सकता है।
शुरूआत में इसकी लागत 121 करोड़ रुपये थी। निर्माण कार्य में देरी से लागत 173 करोड़ तक पहुंच गई।
सर्किल तीन में शौचालय और जल निकासी समेत कई काम बाकी हैं।
पाकशाला का भी काम अधूरा है। कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर का कहना है कि टैक्स सहित करीब 20 करोड़ रूपये बकाया है।
एक साल से भुगतान रुका हुआ है। भुगतान समय पर हो गया होता तो काम पूरा हो जाता। कई एकस्ट्रा काम भी कराया गया है।