- मां गंगा के अवतरण दिवस पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
-शाम तक जारी रहा संगम पर स्नान व पूजा का सिलसिला
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PRAYAGRAJ: लोगों को पापों से मुक्ति प्रदान करने वाली पतित पावनी मां गंगा के अवतरण दिवस यानी गंगा दशहरा पर संगम तट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। श्रद्धालुओं ने मां गंगा के पुण्य जल में डुबकी लगाकर पाप, रोग-शोक से मुक्ति पाने की इच्छा से मां गंगा की पूजा की। मां गंगा के भक्ति से ओतप्रोत साधु संतों के साथ ही हर उम्र के लोगों ने आशीर्वाद प्राप्त किया।
ज्येष्ठ शुक्लपक्ष दशमी को मनाया जाता है गंगा दशहरा
ज्येष्ठ शुक्लपक्ष दशमी तिथि पर हर साल मां गंगा के अवतरण के अवसर पर गंगा दशहरा मनाया जाता है। रविवार को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर भोर से ही संगम तट पर स्नानार्थियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। संगम के अलावा गंगा के रामघाट, अक्षयवट घाट, दारागंज, सलोरी, फाफामऊ और अरैल स्थित घाटों पर भी स्नानार्थी पहुंचे और गंगा स्नान का पुण्य लाभ लिया। मिथुन राशि में सूर्य व शुक्र तथा वृष राशि में बुध व राहु ग्रह के संचरण, चित्रा नक्षत्र, परिघ योग में पड़े गंगा दशहरा को लेकर श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह दिखाई दिया। श्रद्धालुओं ने स्नान करने से पहले अपनी गलतियों का प्रायश्चित करके भविष्य में गलत कार्य न करने का संकल्प लेकर डुबकी लगाई। स्नान आदि के बाद तीर्थपुरोहितों के निर्देशानुसार पूजन व अभिषेक किया। साथ ही जल भरा घड़ा, छाता, मिष्ठान, फल, तिल आदि का दान करके आशीर्वाद लिया। स्नान-दान का सिलसिला शाम तक जारी रहा। शाम को भव्य गंगा आरती हुई। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान कोविड 19 के प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन कराया गया। जिससे किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो सके।