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बड़े चौराहे हैं जिले में
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के करीब हैं छोटे चौराहा व तिराहे
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के करीब सिटी में सिर्फ बचे हैं ट्रैफिक बूथ
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बूथों पर तार व बैरिकेडिंग करके रोका गया है कट
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- सिटी के ज्यादातर चौराहों और तिराहों पर बने पुलिस बूथों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं
- साफ-सफाई नहीं होने से बूथों पर जमी रहती है धूल
- वीआईपी दौरे पर इन खाली पड़ी बूथों की बढ़ जाती है सक्रियता
PRAYAGRAJ: जिले में ज्यादातर चौराहों और तिराहों पर बने पुलिस बूथ शेापीस हो चुके हैं। धीरे-धीरे इन ट्रैफिक बूथों की व्यवस्था भी खत्म होती जा रही है। जिन तिराहों पर बूथ बचे हुए हैं उनकी साफ-सफाई नहीं होने से धूल की परत जम जा रही है। ऐसे में तैनात वहां पुलिसकर्मी सड़क किनारे खड़े होकर अपनी ड्यूटी करने में ही भलाई समझते हैं।
विज्ञापन के लिए लगाई जाती है होर्डिग्स
इन बूथों पर तमाम कंपनियां अपने प्रचार के लिए विज्ञापन होर्डिग्स लगवाती हैं। साथ ही इनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी नगर निगम विज्ञापन लाइसेंस डिपार्टमेंट की होती है। बावजूद इनकी देखभाल और समय-समय पर सफाई नहीं होने धूल जम जाती है। इसके चलते यहां तैनात पुलिसकर्मी बूथ में खड़े न होकर सड़क किनारे अपनी ड्यूटी निभाते हैं।
अच्छा हो बूथ तो बनें बात
संसाधन के अभाव में पुलिसकर्मियों की इच्छाशाक्ति भी टूटती नजर आ रही है। सड़क किनारे खड़े होकर डयूटी करना पड़ रहा है। जिले में सभी ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को मिलाकर 177 के करीब स्टॉफ हैं। ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की मांग है कि एक अच्छा बूथ हो, शाम के समय सभी ट्रैफिक पुलिस रेडियम बेल्ट और जैकेट पहनें। ताकि ट्रैफिक नियंत्रित हो सके। वहीं जिले के अंदर कुछ ऐसे बूथ पड़े हुए हैं, जिनकी मरम्मत की जरूरत है।
कभी-कभी होती है साफ-सफाई
ट्रैफिक के अफसरों की माने तो सिटी के अंदर जो बूथ बचे हुए हैं। उन्हें वीआईपी मूवमेंट के दौरान साफ-सफाई करवा कर डयूटी पर सिपाहियों को लगाया जाता है। लेकिन डेली साफ-सफाई न होने से एक दिन में ही मोटी धूल की परत जम जाती है। जिसके कारण कोई सिपाही खड़ा होना पंसद नहीं करता है। यही वजह है कि उन जगहों पर जानवर कब्जा कर लेते हैं। अगर बूथों पर व्यवस्था अच्छा हो तो भला कौन ट्रैफिक का सिपाही सड़क के किनारे खड़ा रहेगा।
सिटी के चौराहों व तिराहे पर जरूरत है बूथ
बूथ मेंटेनेंस को लेकर स्मार्ट सिटी प्रोजक्ट के लोगों से बातचीत हुई थी। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। नगर निगम को भी सूचित किया जा चुका है। इन्हें मरम्मत कराने के लिए ट्रैफिक विभाग के पास कोई फंड नहीं आता है। सिपाहियों को खड़े होने में बहुत दिक्कत होती है। बीच-बीच में जनसहोग से इसे मेंटेन कराया जाता है।
अखिलेश भदौरिया, एसपी ट्रैफिक प्रयागराज
बिना परमिशन के कोई भी होर्डिग्स और पोस्टर नहीं लगाए जाते। उसके लिए विज्ञापन बुक कराना होता है। बूथ का मेंटेनेंस कराया जाता है। हो सकता है कुछ जगहों पर इसकी शिकायत हो। इसे चेक कराया जाएगा।
रत्नप्रिया, अपर नगर अयुक्त, नगर निगम विज्ञापन व होर्डिग डिपार्टमेंट