ALLAHABAD: ऑनलाइन अपलोड प्रक्रिया के तहत जिले के चार दर्जन से अधिक मदरसों में ताला लग सकता है। इनका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अभी तक नहीं होने से इनके फाइनल सूची से बाहर हो जाने का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में इनमें पढ़ रहे हजारों बच्चों का भविष्य अंधकार में फंस जाएगा। हालांकि, शासन और प्रशासन की ओर से बार-बार मदरसा संचालकों को सचेत किया जा रहा है लेकिन इसका लाभ नहीं हो रहा है।
नही मिलेगा लाभ, कैसे होंगे संचालित
जिले में तीन सौ से अधिक मदरसों का संचालन किया जा रहा है। अगर यह ऑनलाइन मदरसा बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड नहीं होंगे तो इन्हें सरकारी लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में यह मदरसा आधुनिकीकरण योजना से बाहर हो जाएंगे। जानकारी के मुताबिक अभी तक वेबसाइट पर 280 मदरसों ने रजिस्ट्रेशन कराया है और इनमें से 250 के आसपास लॉक हुए हैं। जबकि अंतिम तिथि 15 अक्टूबर है। ऐसे में अगर जल्द ही रजिस्ट्रेशन नही कराया तो इन मदरसों को फाइनली अवैध घोषित कर दिया जाएगा।
इस नियम ने दिया जोर का झटका
अभी तक मदरसों को ऑनलाइन अपनी पूरी जानकारी देनी थी। इसके बाद उनका रजिस्ट्रेशन हो जाता था। नए नियम के मुताबिक मदरसों को अपलोड की गई जानकारी से जुड़े अभिलेख भी जमा कराने होंगे। अन्यथा मदरसों का भविष्य संकट में पड़ सकता है। एग्जाम्पल के तौर पर अगर मदरसा टीचर ने अपनी एजुकेशन इंटर या ग्रेजुएशन लिखी है तो इसकी मार्कशीट भी प्रमाणिक कराकर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के यहां जमा करानी होगी।
15 अक्टूबर से पहले जमा कराने होंगे कागजात
मदरसों को नियमों के तहत ऑनलाइन अपलोड करने के लिए महज सात दिन का समय बचा है। बता दें कि ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड और अभिलेख जमा कराने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर निर्धारित की गई है। शासन ने यह तिथि बढ़ाकर ही जारी की है। इसलिए मदरसा संचालकों को अगला मौका मिलना मुश्किल ही माना जा रहा है। जिले में आधुनिकीकरण योजना के तहत कुल 160 मदरसे (43 अनुदानित मदरसे भी शामिल) हैं।
जिले में कुल मदरसे- 330
पोर्टल पर रजिस्टर्ड- 280
पोर्टल पर लॉक- लगभग 250
कुल अनुदानित मदरसे- 43
अपलोडिंग की अंतिम तिथि- 15 अक्टूबर
अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। अभी भी मदरसों का इंतजार है। वह आकर अपने अभिलेख रजिस्टर्ड करवा सकते हैं। जो मदरसे शासन द्वारा जारी की गई शर्तो का पूरा किया जाएगा, उनको वेबसाइट पर लॉक किया जाएगा।
शिव प्रकाश तिवारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, इलाहाबाद