प्रयागराज (ब्‍यूरो)। नैनी में पकड़े गए साइबर ठग गैंग का सरगना विकास निषाद 12 वीं पास है। मगर खेल करोड़ों में करता था। जबकि उसकी गैंग में शामिल अन्य मेंबर भी ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। गैंग में सरगना विकास के अलावा 11 अन्य मेंबर थे, जो साइबर ठगी का पूरा सिस्टम चला रहे थे। अब सभी नैनी जेल में हैं। नैनी पुलिस सभी को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। शनिवार को पकड़े जाने के बाद गैंग मेंबरों से तमाम पूछताछ नहीं हो पाई। ऐसे में पुलिस अब सभी को रिमांड पर लेकर पूरे नेक्सस पर कार्रवाई करेगी।

छत्तीसगढ़ का है सरगना
नैनी से पकड़े गए साइबर ठग गैंग का सरगना विकास निषाद है। विजय निषाद छत्तीसगढ़ के गुण्डरदेही थाना क्षेत्र के मनोरा गांव का रहने वाला है। विकास की उम्र तीस साल है। विकास केवल 12 वीं पास है। करीब पांच साल पहले विकास छत्तीसगढ़ में साइबर ठगों के एक ग्रुप के सम्पर्क में आया। जोकि लोन के नाम पर फ्रॉड करते थे। उस ग्रुप के साथ तीन साल काम करके विकास ने सारा हुनर समझ लिया। विकास ने जब ग्रुप ज्वाइन किया था तो उसका काम एकाउंट की व्यवस्था करना था। एकाउंट की व्यवस्था करने से लेकर विकास ने अपने साइबर ठगी का कैरियर शुरू किया। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। दो साल से विकास खुद एक ग्रुप बनाकर साइबर ठगी का पूरा सिस्टम चला रहा था।

लोकल बंदे नहीं रखता था
साइबर ठग गैंग का सरगना विकास निषाद अपने ग्रुप में लोकल बंदे नहीं रखता था। पकड़े ग्रुप के मेंबर विकास के साथ करीब दो साल से जुड़े थे। केवल तीन मेंबर पुराने थे। नैनी में करीब तीन महीना पहले विकास ने अपना ठौर बनाया था।

सबको बांट रखा था काम
घनश्याम वर्मा-बीए सेकेंड इयर पास, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर कोतवाली दयालबंध का रहने वाला घनश्याम वर्मा लेनदेन का हिसाब किताब देखता था।

राहुल कामले- 10 वीं पास, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर कोतवाली गांधी चौक का रहने वाला राहुल कामले एटीएम से पैसे निकालता था। राहुल के पास एकाउंट के एटीएम रहते थे। ये इलाहाबाद के अलावा आसपास के जिलों में जाता था वहां से एटीएम से पैसे निकालता था।

प्रवीण शर्मा- 9 वीं पास, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर मधुबन रोड दयालवन का रहने वाला प्रवीण वर्मा सभी के लिए खाने पीने की व्यवस्था देखता था।

सूरज चौरसिया- बीए सेकेंड इयर पास, प्रतापगढ़ के पट्टी के पूरारामपुर कारहने वाला सूरज चौरसिया अननोन क्लाइंट से मोबाइल पर बात करता था। उन्हें लिंक भेजता था। अपनी बातों के जाल में फंसाता था।

पीयूष यादव- बीए पास, गाजीपुर के कोतवाली रायगंज का रहने वाला पीयूष यादव अननोन क्लाइंट से बात करता था, उन्हें लिंक भेजकर अपनी बातों के जाल में फंसाता था।

हिमांशु यादव- पालीटेक्निक पास, गाजीपुर के कोतवाली रायगंज का रहने वाला हिमांशु यादव फेसबुक पर एक्टिव रहता था, फेसबुक फ्रेंड को ऑन लाइन गेम से होने वाले फायदे बताता था।

मनीष निषाद-12 वीं पास, छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के दांडी थाना एरिया के मरारटोल का रहने वाला मनीष निषाद बैंक एकाउंट की व्यवस्था करता था।

अजीम फरीद- 10 वीं पास, गाजीपुर के कोतवाली रायगंज का रहने वाला अजीम फरीद गेम मास्टर है। यह ऑन लाइन गेम खेलते वक्त एक्सिस अपने हाथ में रखता था। सामने वाले को हराने का काम इसका था.अजीम फरीद को विकास ने छत्तीसगढ़ में ट्रेनिंग दिलाई थी।

शादाब- 12 वीं पास, गाजीपुर के कोतवाली निगाही बेग का रहने वाला शादाब भी गेम मास्टर है, इसका काम गेम खेलते वक्त सामने को हराना था।

मो समीर- 10 वीं पास, भदोही के गोसाईंगंज गोपीगंज का रहने वाला मो.समीर कुछ महीने पहले ही इस ग्रुप से जुड़ा। इसका काम मोबाइल सिम की व्यवस्था करना था।

आशुतोष यादव, बीए पास, गाजीपुर के रायगंज का रहने वाला आशुतोष यादव ग्रुप में एटीएम से पैसे निकालने का काम करता था। यह आसपास के जिलों में जाकर एटीएम से पैसे निकालता था।

तीस से चालीस हजार देता था वेतन
सरगना विकास निषाद ग्रुप के मेंबरों के रहने खाने पीने की पूरी व्यवस्था देखता था। इसके अलावा ग्रुप के मेंबरों को तीस से चालीस हजार रुपये वेतन देता था।

आलीशान जिंदगी का शौकीन
सरगना विकास निषाद बेहद आलीशान जिंदगी का शौकीन मिजाज है। पूछताछ में पता चला कि आए दिन विकास ग्रुप मेंबरों के साथ पार्टी करता था। जिसमें महंगी शराब और खाने की व्यवस्था रहती थी। पार्टी पर होने वाले सारे खर्च की जिम्मेदारी सरगना के जिम्मे रहती थी।

सबसे अहम किरदार हिमांशु का
इस ग्रुप में सबसे अहम रोल हिमांशु यादव का था। हिमांशु कई आईडी से फेसबुक चलाता था। फेसबुक फ्रेंड से वह मैसेंजर पर बात करता था। उन्हें ऑन लाइन गेेम से होने वाली इनकम की जानकारी देता था। जब उसके फेसबुक फ्रेंड ऑन लाइन गेम खेलने के लिए राजी हो जाते थे तो हिमांशु सूरज चौरसिया या पीयूष यादव के जरिए फेसबुक फ्रेंड को लिंक भिजवाता था। इसके बाद गेम शुरू हो जाता था। फेसबुक फ्रेंड को लगता था कि हिमांशु उसका परिचित है और उसका फायदा सोचता है, मगर हकीकत में ऐसा था नहीं।

साइबर ठग ग्रुप के मेंबरों से अभी बहुत अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है। इस ग्रुप का नेक्सस ऑल इंडिया लेवल पर है। अभी थोड़ा जानकारी ही मिल पाई है। ग्रुप मेंबरों को रिमांड पर लेकर पूरी पूछताछ की जाएगी। इसके बाद पूरे खेल का पता चलेगा।
यशपाल सिंह, इंस्पेक्टर नैनी