प्रयागराज ब्यूरो, मलेरिया विभाग के रिकार्ड में भले ही डेंगू संक्रमण पर लगाम लगी है, लेकिन असलियत कुछ और है। कैंट जनरल हॉस्पिटल का डेंगू वार्ड पूरी तरह से फुल हो चुका है। यहां पर पहले 44 बेड का वार्ड था और बाद में मरीजों के बढऩे पर इसमें 10 नए बेड बढ़ाए गए। फिलहाल वह भी फुल हो गए हैं। यहां भर्ती मरीज सदर बाजार, तोपखाना, आफिसर लाइन और प्रेम नगर एरिया के हैं। उनका कहना है कि एरिया में फागिंग नही हो रही है। जिसकी वजह से मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।

तेजी से घट रही है प्लेटलेट्स

वार्ड मेंं भर्ती सदर बाजार की एक युवती रविवार को सिर में दर्द और उल्टी के साथ तेज बुखार आया था। उसे कैंट अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसका प्लेटलेट्स काउंट महज 15 हजार आया है। उसे आनन फानन में दो यूनिट प्लेटलेट चढ़ाया गया है। इसी तरह सदर बाजार के अन्य मरीज को भी यहां भर्ती कराया गया है। उसकी प्लेटलेट काउंट घटकर 25 से 23 हजार हो गई है। डॉक्टर उसकी लगातार निगरानी कर रहे हैं। तोपखाना का एक अन्य भी तेज बुखार और उल्टी की शिकायत पर यहां भर्ती कराया गया है। परिजनों ने बताया कि अब उसकी हालत ठीक है। उसका प्लेटलेट काउंट भी तीस हजार से कम आया है।

संख्या छिपाने में लगा मलेरिया विभाग

आफिशियल तौर पर जनपद में इस समय डेंगू के मरीजों की संख्या 309 हैं। जबकि केवल प्राइवेट अस्पतालों में इस समय लगभग 2 हजार ऐसे मरीज हैं जिनका डेंगू का इलाज चल रहा है। इनकी एलाइजा जांच नही हो सकी है। इसी तरह कैंट जनरल अस्पताल में भी मरीजों की एलाइजा जांच कराने में मलेरिया विभाग दिलचस्पी नही ले रहा है। ऐसे में डेंगू के मरीजों की एक्चुअल स्थिति पता नही चल पा रही है।

तो इसलिए फैल रहा डेंगू

इस सीजन में लाख कोशिशों के बावजूद डेंगू का फैलते जाना जिला प्रशासन के लिए सिरदर्द बना हुआ है। डॉक्टर्स का कहना है कि लोग जागरुक नही हैं इसलिए रोग का संचार हो रहा है। अगर कुछ कदम उठा लिए जाएं तो इस बीमारी पर लगाम लग सकती है।

- डेंगू के मरीज को मच्छरदानी में रखा जाए, क्योंकि उसको काटने के बाद मच्छर दूसरों को आसानी से संक्रमित कर सकता है।

- घर में किसी भी तरह से जमा पानी को हटा दें, खास कर गमला, बर्तन, टायर या कूलर में।

- बुखार आने पर बिना डाक्टर की सलाह पेन किलर, एंटी बायटिक का सेवन कतई न करें।

- शाम को पूरे बदन का कपड़ा पहनें और मच्छरों से बचने का प्रयास करें।

अस्पताल में कोई भी मरीज सीरियस नहीं है.सभी का इलाज चल रहा है। एलाइजा जांच करा लेने से लाइन आफ ट्रीटमेंट तो बदल नही जाएगा। वैसे भी 75 फीसदी एलाइजा जांच निगेटिव आ रही हैं।

आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज