प्रयागराज ब्यूरो । मंगलवार को सीएमओ ऑफिस में प्रेस कांफ्रेंस कर डेंगू नोडल अफसर डा। जीएस वाजपेयी ने बताया कि डेंगू के मच्छर को पनपने के लिए 28 से 34 डिग्री सेल्सियस तापमान और 80 फीसदी से ज्यादा ह्यूमिडिटी की जरूरत होती है। बारिश के बाद तापमान में गिरावट के बाद डेंगू मच्छर की जिंदगी की उल्टी गिनती शुरू हो जाती है। इस दौरान डेंगू का मच्छर खुले की बजाय घरों के कमरों में पनपने लगते है। 24 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान होने पर अंडे से लेकर डेंगू मच्छर बनने की समय अवधि 7 से बढ़कर 14 दिन तक पहुंच जाती है। इसके बाद उसका वार करने की क्षमता तकरीबन खत्म हो जाती है। ठंड की वजह से मच्छर के पंख भारी पडऩे की वजह से उड़ान भरने में दिक्कत होने लगती है साथ ही जगह रहने से वो मच्छर खत्म हो जाता है। इस बार देर से बारिश का होना और देरी तक बारिश होना डेंगू बढऩे का सबसे बड़ा कारण है। इसलिए कंट्रोल करने में देरी लग रहा है।
नगर निगम भी है सक्रिय
शहर के सीएमओ नानक सरन ने बताया, हम लोगों ने शहर की कुछ जगहों को चिन्हित कर रखा है जिन्हे मच्छरों की ब्रीडिंग का गढ़ मन जाता है। उन जगहों पर ज्यादा फॉगिंग और दवा का छिड़काव के लिए नगर निगम को लिस्ट दे रखे है। वहां नगर निगम की टीम मच्छरों की ब्रीडिंग को खत्म करने में जुटी हुई है। साथ ही जैसे जैसे ठंड बढ़ रही है इनकी तादाद भी कम होने लगी है। जिन इलाकों में हॉट स्पाट के रूप में चिन्हित किया गया है। उन जगहों पर दिन में तीन बार फॉगिंग की जा रही है और दवा का छिड़काव एक दिन छोड़ कर किया जा रहा है। जल्द ही लोगों को राहत मिलेगी। ऐसा प्रशासनिक अमला ने दावा किया है।