प्रयागराज (ब्यूरो)। कुछ महीने पहले तक शहर में बकरी के दूध का रेट 50 रुपए लीटर था। डिमांड भी अधिक नही थी। लेकिन जैसे ही डेंगू फैला उसके बाद जैसे दूध की डिमांड कई गुना बढ़ गई। वर्तमान में यह दूध 300 से 500 रुपए प्रति लीटर के रेट में बिक रहा है। दूध बेचने वालों के पास मरीज इतनी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं कि उनको मोलभाव करने की भी जरूरत नही है।
क्यों सहायक है बकरी का दूध
बकरी के दूध में फैट, प्रोटीन, लैक्टोज, मिनरल और विटामिन होता है, जिस वजह से यह आपकी हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है। डेयरी प्रोडक्ट में पाए जाने वाले तत्वों के साथ ही बकरी के दूध में लिपिड और कई तरह के एसिड भी होते हैं, जिससे पाचन में मदद मिलती है। कई रिपोर्ट्स में सामने आया है कि बकरी के दूध में अहम चीज होती है, जिसका नाम है सेलेनियम। दरअसल, डेंगू में अहम खतरा सेलेनियम और प्लेटलेट काउंट का होता है। इससे बकरी के दूध से सेलेनियम शरीर को सेलेनियम मिलता है और इससे डेंगू से लडऩे में मदद मिलती है।
दस रुपए तक महंगी हो गई कीवी
इसी तरह कीवी फल भी महंगा हो गया है। पहले इसका रेट 20 रुपए प्रति पीस था लेकिन अब 30 रुपए प्रति तीस बिक रहा है। मजबूरी में लोग इस फल को खरीद रहे हैं। डॉक्टर्स डेंगू के मरीजों को कीवी फल खाने की सलाह दे रहे हैं। बता दें कि कीवी की पैदावार हिमांचन के कुछ हिस्सो में होती है। वर्तमान में इसका आयात इंडोनेशिया, अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड से होता है। यही कारण है कि इसका रेट काफी अधिक होता है।
इनके सेवन की भी देते हैं सलाह
-पपीता और पपीते का पत्ता प्लेटलेट्स बढ़ाने के सबसे प्रचलित देसी फॉर्मूलों में शामिल है। -कद्दू में विटामिन ए भरपूर होती है। यह कोशिकाओं में पैदा होने वाली प्रोटीन को कंट्रोल करता है, जो प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
-पालक विटामिन के का बेहतर सोर्स है। इसका यूज कम प्लेटलेट्स की प्रॉब्लम होने पर किया जाता है। -1990 में हेमटोलॉजी के जापानी जर्नल में पब्लिश एक स्टडी में कहा गया है कि विटामिन सी प्लेट्सलेट्स काउंट इम्प्रूव करता है।
खाली पेट आंवले का रेगुलर सेवन आपको प्लेटलेट्स की काउंटिंग इम्प्रूवकरने में बढिय़ा रोल प्ले कर सकता है। -चुकंदर, तिल का तेल और खूब पानी पीना भी आपके प्लेटलेट्स काउंट में इजाफा कर सकता है।
पपीते का पत्ता तो प्लेटलेट्स बढ़ाने में सहायक माना गया है। लेकिन बकरी का दूध और कीवी फल को लेकर मेडिकल साइंस में कोई अधिकारिक पुष्टि नही है। इसे न्यूट्रिशन का पार्ट मानकर यूज किया जा सकता है। लोग चाहे तो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इनका सेवन कर सकते हैं।
डॉ। कमलेश सोनकर, फिजीशियन, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज