प्रयागराज (ब्यूरो)।डाक्टर्स बताते हैं कि इस साल डेंगू के मरीज आ रहे हैं लेकिन इनमें दो साल पहले वाले लक्षण नहीं दिख रहे हैं। खासकर ब्लीडिंग वाले मरीज काफी कम हैं। लेकिन उनको भी क्योर किया जा रहा है। इस बार आने वाले मरीजों में हाईग्रेड फीवर, शरीर में दर्द, कम भूख लगना और सिर दर्द जैसे लक्षण अधिक सामने आ रहे हैं। इसकी वजह से मरीज नार्मली फिट हो जा रहे हैं। जबकि दो साल पहले डेंगू के मरीजों में ब्लीडिंग के मामले अधिक सामने आ रहे थे।

यूपी के पश्चिमी शहरों फैला स्ट्रेन नही

हालांकि यूपी के पश्चिम में फिरोजाबाद आदि शहरों में डेंगू ने इस बार जमकर कहर बरपाया है। इससे कई लोगों की मौत हो गई है। क्योंकि वहा पर डेंगू का सबसे खतरनाक स्ट्रेन पाया गया है। एक्सपट्र्स का कहना है कि यह स्ट्रेन प्रयागराज में संभवत: नही है वरना स्थिति कुछ और हो सकती थी। बता दें कि डेंगू के वायरस के कुल चार स्ट्रेन यानी प्रकार होते हैं। जिले में कौन सा वायरस मौजूद है इसकी जांच के लिए जल्द ही मेडिकल कॉलेज से सैंपल आईसीएमआर के पास भेजे जाएंगे।

फिटनेस को लेकर एलर्ट हैं लोग

यह भी माना जा रहा है कि कोरोना की दो लहर के बाद लोग अपनी फिटनेस को लेकर अधिक सतर्क हो गए हैं। व्यायाम, योगा और हेल्दी फूड लेने से उनकी इम्युनिटी स्ट्रांग है और इसीलिए डेंगू वायरस बॉडी पर अधिक इफेक्ट नही डाल पा रहा है। अब तक जिले में 299 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं।

अभियान का मिला है फायदा

इसके अलावा इस बार प्रशासन ने नगर निगम और मलेरिया विभाग की टीमों को ब्रीडिंग रोकने के काम में लगा दिया है। यह टीम ब्रीडिंग चेकर कर्मचारियों के साथ घरों में गमले, कूलर और टायर में एकत्र पानी को फेक रही हैं। जिससे डेंगू को पनपने से रोका जा सके। इसके अलावा नर्सिंग होम एसोसिएशन के साथ बैठक कर मरीजों के रैंडम डेंगू टेस्ट की जानकारी देने के साथ इलाज में एंटी बायटिक के यूज पर भी गाइड लाइन दी गई है। इससे भी मरीजों के इलाज में काफी बदलाव नजर आ रहे हैं।

ऐसा करने से नहीं फैलेगा डेंगू

- सुबह -शाम पैर को ढकने वाले कपड़े पहनें।

- सोते समय मच्छरदानी का यूज करें।

- कूलर, गमले और टायर आदि में जमा पानी को हटा दें।

- बुखार आने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।

चार तरह के डेंगू वायरस के स्ट्रेन होते हैं। प्रयागराज में कौन सा है यह पता नहीं है। लेकिन इस बार ब्लीडिंग के सीवियर मामले कम आ रहे हैं। इससे इलाज में अधिक दिक्कत नही महसूस हो रही है।

डॉ। एमके मदनानी, अध्यक्ष, इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन

दो साल पहले हमारे यहां आने वाले मरीजों में ब्लीडिंग वाले केस अधिक हाते थे। इनको हैंडिल कराना आसान नही होता था। लेकिन इस साल नार्मल लक्षण वाले मरीज आ रहे हैं जिससे अभी राहत है।

डॉ। कमलेश सोनकर, मेडिसिन विभाग, एमएलएन मेडिकल कॉलेज

इस बार डेंगू के कई मरीजों को होमियोपैथी के जरिए भी बेहतर इलाज किया जा रहा है। लक्षणों के आधार पर उनको जेलसीमियम और यूपाटोरियम जैसी दवा दी जा रही है। मरीजों को खानपान और साफ सफाई के लिए भी जागरुक किया जा रहा है।

डॉ। डीके मिश्रा, होमियोपैथी फिजीशियन