प्रयागराज (ब्यूरो)। हर साल एक जुलाई से डेंगू का सीजन शुरू हो जाता है। इस बार भी बारिश के बाद मच्छरों की संख्या बढऩे लगी थी और उम्मीद की जा रही थी कि जल्द ही डेंगू के केसेज सामने आ सकते हैं। शनिवार को एमएलएन मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायलाजी लैब से आई रिपोर्ट में दो पाजिटिव मामले पाए गए हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया। दोनों मरीजों के घर के आसपास की लोकेशन में दवाई का छिड़काव कराया गया। साथ ही परिजनों की सैंपलिंग भी कराई गई है।

छोटा बघाड़ा में चलाई गई ड्राइव

पिछले साल छोटा बघाड़ा एरिया में अधिक संख्या में डेंगू के केस सामने आए थे। इसलिए इस बार इन एरिया में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। शनिवार को यहां दस टीम लगाकर दवा का छिड़काव कराया गया। अधिकारियों ने बताया कि एरिया में जगह जगह जलभराव और गंदगी मिली है। वहां पर एंटी लार्वा स्प्रे कराने से मच्छरों का घनत्व कम होगा। साथ ही नगर निगम को साफ सफाई के लिए सूचित कर दिया गया है।

फीवर हेल्प डेस्क पर कराइए जांच

एलाइजा टेस्ट के बाद ही डेंगू की पहचान होती है। एलाइजा जांच मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायलॉजी विभाग में उपलब्ध है। जिले के सभी सामुदायिक एवं अर्बन के प्राथमिक स्वास्थ्य इकाइयों पर फीवर हेल्प डेस्क की बनाया गया है। डेंगू मरीजों के इलाज के लिए काल्विन और एसआरएन अस्प्ताल में 25-25 बेड आरक्षित किए गए हैं।

60 हॉट स्पाट पर विशेष नजर

शहर में डेंगू को लेकर कुल 60 हाट स्पाट बनाए गए हैं। इनमें छोटा बघाड़ा में प्लॉट के सभी बेसमेंट, शिवकुटी थाने का पीछे वाला नाला, सलोरी में अमिताभ बच्चन पुल का नाला, राजापुर में उचवागढ़ी के नीचे वाला क्षेत्र, मेडिकल कालेज में ब्वाय्ज हॉस्टल के सामने वाली नालियां, सुलेम सराय में शेरवानी फैक्ट्री के पीछे का नाला, रामबाग बस स्टेशन के पास का क्षेत्र व मलिन बस्ती, लूकरगंज में सीपीडबल्यू के पास वाली नालिया, बेनीगंज की मलिन बस्ती का सम्पूर्ण क्षेत्र, कालिंदीपुरम काशीराम कॉलोनी का क्षेत्र, न्यू बैहराना में सुंदरम गेस्ट हाउस के पीछे का क्षेत्र, कीडगंज में मलिन बस्ती, पूरादलेल का मलिन बस्ती, पूरा पडाइन, आलोपीबाग

मलिन बस्ती क्षेत्र, नैनी में पीएसी कालोनी और आज़ाद नगर, झूंसी पुलिया के नीचे का क्षेत्र, दारगंज प्रयागघाट स्टेशन के पास का क्षेत्र। सिविल लाइंस महिला थाना क्षत्र, रेलवे कॉलोनी शामिल हैं।

लक्षण

- ठंड के साथ तेज बुखार जो 103-104 डिग्री तक जा सकता है।

- यह बुखार बार-बार चढ़ता-उतरता रहता है।

- सिर दर्द और दो बार से अधिक उल्टी।

- जोड़ों में दर्द रहेगा। शरीर में जगह-जगह चकते।

- शरीर में प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना।

बचाव

- गड्ढों को मिट्टी से ढक दें।

- नीम के पत्ते जलाकर धुआं करें।

- पूरी आस्तीन के कपड़े पहने।

- मच्छरदानी का प्रयोग करें।

- तेल में कूपर मिलाकर दिया जलाएं।

- कूलर का पानी रोज बदलें व उसे रगड़कर साफ करें।

- छत व घर में किसी पात्र में बारिश का पानी न एकत्र होने दें।

डेंगू के प्रति सावधानी ही बचाव है। घर के आसपास, कूलर, गमलों आदि में पानी एकत्र न होने दें। साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें। पूरे बदन के कपड़े पहनें। दो मरीज मिले हैं और दोनों वर्तमान में स्वस्थ हैं।

आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज