प्रयागराज (ब्यूरो)। अगर आप सोच रहे हैं कि डेंगू के लार्वा गमला, नाली, पानी की टंकी या टूटे फूटे बर्तन में पनप रहे हैं तो यह गलत है। डेंगू फैलाने में सबसे अहम रोल कूलर का है। यह बात हम नही कह रहे, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट कह रही है। अगस्त से अब तक चलाए जा रहे संचारी रोग अभियान में सबसे ज्यादा लार्वा कूलर में ही मिले हैं। सबसे अहम कि जहां लार्वा मिले हैं वहीं मरीज भी सामने आ रहे हैं।
करिए जड़ पर वार
इस साल डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज शहरी एरिया में मिल रहे हैं। इसका कारण है कि डेंगू का लार्वा हमेशा साफ पानी में पनपता है और यह संभावना शहर में सबसे ज्यादा रहती है। सीजन की शुरुआत में ही डेंगू की जड़ पर वार करने के लिए मलेरिया विभाग ने डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर यानी डीबीसी नाम से 60 टीमें बनाई। इनका काम था जहां डेंगू के मरीज मिल रहे हैं वहां पर जाकर लार्वा पनपने के संदिग्ध स्थानों की जांच करना। टीमों ने लगभग डेढ़ लाख चेक किए और इसमें से सबसे ज्यादा लार्वा कूलर में मिला।
फैक्ट फाइल
संचारी रोग अभियान की मियाद- अगस्त से अक्टूबर
कुल कितने घरों की हुई जांच- 140284
कितने कूलर में पाए गए लार्वा- 4157
कुल कितने टायर और टूटे फूटे बर्तन में मिले लार्वा- 1265
कुल कितने गमलों में मिला लार्वा- 1010
कुल कितनी पानी की टंकी में मिले लार्वा- 259
कितने फ्रिज में मिले डेंगू लार्वा- 189
सप्ताह में एक बार सफाई
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सप्ताह में एक बार कूलर की सफाई जरूरी है। कूलर के ठहरे हुए पानी में डेंगू के लार्वा काफी तेजी से पनपते हैं। अधिक समय तक कूलर का पानी न बदलने से यह लार्वा संक्रमण फैलाने का काम करने लगते हैं। जिन चार हजार से अधिक घरों के कूलर में लार्वा मिला है वहां पर डीबीसी टीमों ने लोगों को यही सीख दी है।
प्रार्थना सभा में किया जा अवेयर
लाख कोशिश के बावजूद डेंगू का कहर कम नही हो रहा है। रोजाना आधा दर्जन से अधिक मरीज सामने आ रहे हैं। ऐसे में लोगों को जागरुक करने के लिए स्कूलों को फोकस किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें स्कूलों की प्रार्थना सभाओं में जाकर बच्चों को जागरुक कर रही हैं। उनको बताया जा रहा है कि कैसे डेंगू को पनपने से रोका जा सकता है।
लगायी गयी 300 टीमें
डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए मलेरिया विभाग और नगर निगम की टीमें मिलकर काम कर रही हैं। इस समय नगर निगम की ओर से 300 टीमों को सौ वार्ड में लगाया गया है। यह टीमें अलग अलग शिफ्ट में काम कर रही हैं। इसके अलावा फागिंग के लिए 140 छोटी बड़ी मशीनों को लगाया गया है। जबकि मलेरिया विभाग की ओर से 18 टीमों को एंटी लार्वा स्प्रे के लिए लगाया गया है। जहां पर डेंगू का मरीज मिलता है वहां पर यही टीमें दवा का छिड़काव करती हैं। इन टीमों में 200 कर्मचारी इस समय काम कर रहे हैं।
नौ नए मरीजों ने दी दस्तक
बुधवार को नौ नए संक्रमितों ने दस्तक दी है। इस तरह से जिले में डेंगू के कुल मरीज 315 हो गए हैं और इनमें से अकेले शहर में 244 मिले हैं। सात मरीजों का अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक ठंड नही बढ़ेगी, मच्छरों के संक्रमण पर रोक लगाना आसान नही है। क्योंकि यह सीजन उनके बिल्कुल अनुकूल है।
मैंने तो अपने कूलर की नियमित सफाई शुरू कर दी है। बिल्कुल भी लापरवाही नही कर रहा हूं। पता चला कि सबसे ज्यादा कूलर से डेंगू पनप रहा है तो साथ वालों को भी खतरे से आगाह कर रहा हूं।
नीरज
नवंबर में भी डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं यह चिंता की बात है। इसका कारण है कि हम लोग अभी भी जागरुक नही हो रहे हैं। हमे अपने घर में डेंगू के लार्वा पनपने वाले माध्यमों को समाप्त करना होगा।
ज्योति
डेंगू से निजात पाना है तो पहले घर की साफ सफाई करना होगा। गमले, कूलर, टंकी और टूटे फूटे बर्तन और टायर पर ध्यान देना होगॉ क्योंकि डेंगू हमारे और आपके आसपास पनप रहा है।
नेहा श्रीवास्तव
डेंगू से बचाव के लिए हम लगातार जागरुकता फैला रहे हैं। गांव से अधिक शहर में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। इसका मतलब साफ है कि लोग जागरुक नहीं हैं। लार्वा उनके घर के भीतर मौजूद है। यह बात जांच में सामने आ चुकी है।
आनंद कुमार सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज