प्रयागराज (ब्यूरो)। इस बार अक्टूबर के महीने में अधिकतम 70 मलेरिया के केसेज सामने आए थे। एक भी माह ऐसा नही रहा जब जून से लेकर नवंबर के बीच एक बार भी मलेरिया का आंकड़ा सौ से अधिक रहा हो। वहीं महज तीन माह में डेंगू के आंकड़े एक हजार के पार हो गए हैं और अभी भी केसेज कम होने का नाम नही ले रहे हैं।
अधिक घातक है डेंगू
एक्सपट्र्स का कहना है कि मलेरिया के मुकाबले डेंगू अधिक घातक है। क्योंकि इसका इलाज नही है। डॉक्टर्स केवल डेंगू के मरीजों के लक्षण का इलाज करते हैं। यही कारण है कि समय पर इलाज नही मिलने से मरीजों की हालत गंभीर हो जाती है। वही मलेरिया का इलाज उपलब्ध है। महज दो दवाएं देने के बाद मलेरिया का मरीज स्वस्थ हो जाता है। मलेरिया दो प्रकार का होता है। पीवी और पीएफ। पीवी से मरीज की मौत नही होती लेकिन पीएफ का इलाज छह दिन तक नही कराने से मरीज की मौत संभव है।
एक दर्जन नए मामले आए सामने
बुधवार को डेंगू के एक दर्जन नए मामलों ने दस्तक दी। यह मामले गोविंदपुर, शिवकुटी, शिवपुरी, कालिंदीपुरम, लूकरगंज, राजापुर, नैनी, सोहबतियाबाग, एलेनगंज, बमरौली, अशोक नगर, सोरांव एरिया में मिले हैं। अब तक डेंगू के जिले में कुल मामले 1040 हो गए हैं और इसमें से शहरी मामले 769 रहे हैं।पिछले दो साल से मलेरिया कमजोर पड़ा है। डेंगू अचानक से जोर पकड़ रहा है। इसका कारण पता लगाने की कोशिश की जा रही है। मलेरिया का इलाज है और डेंगू की दवा की अभी तक खोज नही हुई है।
आनंद सिंह जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज