प्रयागराज (ब्यूरो)।वर्तमान में डेंगू के मरीजों में हाई ग्रेड फीवर पाया जा रहा है। यह फीवर लगातार कई दिनों तक बना रहता है। ऐसे मरीजों की ब्लड जांच में सीरम क्रिएटनीन और किडनी फंक्शन असंतुलित पाया जा रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि हाई ग्रेड फीवर की वजह से बॉडी में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। जिससे किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और उसका फंक्शन डिस्टर्ब होने लगता है। इसलिए बुखार आते ही मरीजों को डेंगू की जांच भी करा लेनी चाहिए। जिससे समय रहते इलाज शुरू हो सके।

ऐसे लक्षणों से रहे होशियार

बताया जा रहा है कि बुखार के दौरान अगर पेशाब में जलन शुरू हो जाए तो इसकी जांच करा लेनी चाहिए। मरीजों की जांच में किएटनीन का असंतुलन सामने आया है। शुरुआती इलाज करने से दिक्कतों से छुटकारा मिल जाता है। उधर हाई बीपी होने पर मरीजों को कार्डियक वार्ड में भर्ती कराया जाता है। इससे उनको समस्या का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि ब्लड प्रेशर के मरीजों को बुखार की जांच तत्काल करा लेनी चाहिए। उनके लिए यह कंडीशन अधिक खतरनाक हो सकती है।

ऐसे होगा डेंगू से बचाव

- शाम और सुबह के समय फुल बांह और पैर के कपड़े पहनें।

- गमले, कूलर और बर्तनों मे भरे साफ पानी को हटा दिया जाए।

- डेंगू के मच्छर के शरीर में चीते जैसी धारियां होती हैं।

- बुखार आने पर तत्काल जांच कराएं और मरीज को केवल पैरासिटामाल दवाएं दें।

- रात में सोते समय मच्छरदानी का यूज किया जाए।

- घर में संक्रमित है तो दूसरे लोग मच्छरदानी लगाकर सोएं।

- डस्टबिन को ढांक कर रखें और दिन में दो बार उसकी सफाई करें।

ये हैं लक्षण

- जोड़ों में दर्द

- उल्टी आना

- डिहाईड्रेशन

- शरीर में दर्द

- तेज बुखार

- कमजोरी व थकान

- गले में दर्द

- सिर दर्द

डेंगू का संक्रमण होने के बाद देरी से इलाज शुरू हो या लगातार तेज फीवर रहे तो इससे शरीर के किडनी सहित तमाम अंग प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए बिना देरी किए अपनी जांच कराकर इलाज शुरू करा दें। मच्छर से बचाव के तरीकों का इस्तेमाल करें।

डॉ। अरविंद गुप्ता, किडनी रोग विशेषज्ञ, एमएलएन मेडिकल कॉलेज