प्रयागराज (ब्यूरो)। पिछले साल नवंबर के माह में डेंगू के केसेज आना काफी कम हो गए थ लेकिन इस साल बीमारी ने जोर लगाया हुआ है। इससे विभागीय अधिकारी चिंतित हैं। उनका कहना है कि इस समय मिनिमम तापमान 16 डिग्री तक पहुंच गय ाहै और ऐसे में मच्छरों का सर्वाइव करना आसान नही होता है। बावजूद इसके न तो मच्छर कम हो रहे हैं और न ही वायरस कमजोर पड़ रहा है। जो चिंता का विषय बना हुआ है। वतर्मान में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 752 हो चुकी है।
इस तरह से जिद़दी बना है डेंगू
- डेंगू के अन्डे 10 माह तक निष्क्रिय अवस्था में भी रहते हैं जिंदा
- स्रोत का पूरी तरह से ख़त्म न होना डेंगू संक्रमण का मुख्य कारण
-डेंगू मच्छर की मुख्य पहचान उसके शरीर पर चीते जैसी धारियाँ
-डेंगू मच्छर काटने के करीब 3-5 दिनों के भीतर बुखार के लक्षण
-साफ सुथरे शहरी इलाकों में रहने वालों को डेंगू का ज्यादा खतरा
बढ़ावा दे रही हैं परिस्थितियां
डेंगू या किसी भी संचारी रोग का संक्रमण फैलने का सबसे बड़ा कारण मच्छरों के स्रोत का पूरी तरह से ख़त्म न होना है। ऐसे में साफ सुथरे शहरी इलाकों में रहने वालों को ज्यादा खतरा है। जब तक लोग डेंगू को लेकर स्वयं जागरूक व सतर्क नहीं होंगे तब तक विभाग के मात्र प्रयास से डेंगू के संकमण को रोक पाना मुश्किल है। डेंगू के अन्डे 8 से 10 माह तक निष्क्रिय अवस्था में भी रह सकता है। उसका जीवन चक्र पानी के संपर्क में आते ही शुरू हो जाता है। मच्छर पनपने वाले स्रोत जैसे कि कूलर, गमला, फ्रिज की ट्रे, छत पर पड़े कबाड़, प्लास्टिक की बोतल आदि में अगर पानी जमा है तो उसमें डेंगू के अन्डे अपना विस्तार कर सकते हैं। इन स्रोतों से पानी खाली करने पर भी अंडे उसी स्रोत में ही चिपके रह जाते हैं। यदि उस पानी को जमीन पर फेंक दिया जाए तो वह पानी किसी गड्ढे, तालाब या नाली में जमा हो जाता है जहां अन्डे दोबारा से सक्रिय हो सकते हैं।
ऐसे होगा डेंगू से बचाव
-पेंट व कमीज पूरी बाजू वाली पहनें
-आस-पास पानी इक_ा न होने दें
-सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
-घर में डस्टबिन को ढककर रखें, दिन में दो बार उसे साफ करें।
-कूलर, फ्रिज की ट्रे व पानी की टंकी हर हफ्ते खाली करें। इसे सुखाकर ही दोबारा प्रयोग करें।डेंगू बुखार के लक्षण
-जोड़ों में दर्द
-उल्टी आना
-डिहाइड्रेशन
-शरीर में दर्द
-तेज बुखार
-कमजोरी व थकान
-गले में दर्द
-सिर दर्द
वर्जन
इसको लेकर सभी को आश्चर्य ह ारहा है। हर साल नवंबर माह में डेंगू के मामले कम हो जाते थे। लेकिन इस साल ठंड बढऩे के बावजूद मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को सतर्क रहते हुए वायरस से बचाव करना है। पानी को एकत्र नही होने देना है।
आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज