प्रयागराज (ब्यूरो)। डेंगू के मरीजों का पाचन तंत्र प्रभावित हो रहा है। कई मरीजों की जांच में पता चला कि उनके लीवर गलत असर पड़ा है। उनका सीरम बिलरुबिन बढ़ा हुआ है जिससे उनकी भूख कम हो गई है और अपच हो रहा है। जांच में एसजीपीटी और एसजीओटी भी बढ़ा हुआ आ रहा है। इसी तरह गुर्दे भी डिस्टर्ब हो रहे हैं। पेशाब में दिक्कत होने के साथ कमर में दर्द की शिकायत भी हो रही है। डाक्टर्स का कहना है कि डेंगू की वजह से मसल्स में भी पेन हो रहा है। कई मरीजों के मसल्स में दिक्कत होने से पैरालिसिस के आसार भी नजर आने लगे हैं। उनका इलाज किया जा रहा है।
इलाज में देरी हो सकती है घातक
डॉक्टर्स का कहना है कि डेंगू एक घातक वायरस है। इसके इलाज मं जितनी अधिक देर होगी, शरीर के बाकी अंग उसकी चपेट में आते जाएंगेे। इसलिए शुरुआती लक्षण आने पर डेंगू की जांच करानी चाहिए और फिर इसका इलाज शुरू कर देना जरूरी होता है। समय से इलाज मिल जाने से लोगों को इस बीमारी के साइड इफेक्ट से बचाया जा सकता है।
फिर मिले 13 नए मरीज
उधर डेंगू के मामले थमने का नाम नही ले रहा है। शनिवार को फिर से 13 नए मामले सामने आए हैं। इनमें हंडिया, सोरांव, शिवकुटी, ट्रांसपोर्ट नगर, झूंसी, रसूलाबाद, भुलई का पुरा, जार्ज टाउन, दारागंज, काटजू कालोनी, शांितपुरम, मीरापुर में नए मरीज सामने आए हैं। अब तक जिले में 495 डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से शहर में 347 और ग्रामीण एरिया में 148 मरीज मिले हैं।
डेंगू के लक्षण
ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार। सिर, पेट मांसपेशियों और जोड़ों में असहनीय दर्द। बहुत ज्यादा कमजोरी लगना और भूख न लगना। शरीर पर चकते पडऩा, हाथ-पैर ठंडे पडऩे, बार-बार उल्टी होना, जी मिचलाना.बेहोशी छाने और हालत गंभीर होने पर मुंह-नाक से खून निकलना।
डेंगू से बचाव
घर, स्कूल और कार्यालयों के कूलर, फ्रिज व गमलों आदि में ज्यादा दिन तक पानी जमा न रहने दें। फुल बाजू की कमीज, फुल पैंट, सलवार, ट्राउजर आदि पहनें। शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाकर रखें। सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। डेंगू के प्राथमिक लक्षण दिखने पर खुद दवा लेने की बजाय किसी अच्छे चिकित्सक को दिखाएं। डॉक्टर की सलाह के अनुसार, जांच कराएं और दवा लें। डेंगू के दौरान शरीर में पानी की कमी नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए मरीज को समय-समय पर पानी पिलाते रहें। छाछ, नींबू पानी और नारियल पानी लाभदायक रहेगा। एंटी ऑक्सीडेंट के तत्वों से भरपूर कीवी, किशमिश जैसे फल व मेवें खाएं .मिर्च मसाले और तला हुआ खाना न खाएं, भूख से कम खाना खाएं।
पहले यह देखा जाता है कि रोग कितना गंभीर हो गया है। समय पर इलाज शुरू हुआ या नही। अगर दोनों कंडीशन खराब है तो मरीज के शरीर के अन्य अंगों पर गलत असर के आसार दिखने लगते हैं। अक्सर देखा जाता है कि लीवर के अलावा गुर्दे और मसल्स पर भी डेंगू का विपरीत प्रभाव पड़ता है।
डॉ। कमलेश सोनकर, फिजीशियन, एसआरएन अस्पताल प्रयागराज