प्रयागराज ब्यूरो । शहर में चारों ओर पानी के लिए हाहाकार मचा है। नलों के सूख जाने की वजह से लोग जल संस्थान से पानी के टैंकर की मांग कर रहे हैं, लेकिन सीमित संसाधनों की वजह से वह भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। दर्जनों ऐसे एरिया हैं जहां जल्द बारिश नहीं होने पर हालात अधिक गंभीर हो सकते हैं। आंकड़ों पर जाएं तो महज पंद्रह दिन के भीतर एक दर्जन सरकारी ट््यूबवेल को पानी छोड़ देने की वजह से रिबोर किया गया है।

यहां कई दिनों तक नहीं आया पानी
जून की शुरुआत से ही तापमान लगातार 45 डिग्री के आसपास चल रहा है। बारिश भी नही हो रही है। ऐसे में दर्जन भर एरिया में पंद्रह दिन के भीतर सरकारी ट्यूबवेल सूख गए। पानी नही आने से हजारों घरों में पानी के लिए हाहाकार मचा रहा । तीन से चार दिन तक लोगों को पेयजल का इंतजार करना पड़ा। रिबोर कराने के बाद पानी की सप्लाई शुरू हो सकी। इन एरिया में बेनीगंज, तेलियरगंज, राजापुर ऊंचवागढ़ी, गोविंदपुर, दारागंज, दारागंज प्राइमरी स्कूल, चौखंडी कीडगंज, कालिंदीपुरम, दरियाबाद पीपल चौराहा आदि शामिल रहे।

ये हैं लो प्रेशर से त्रस्त एरिया
इसके अलावा ऐसे तमाम इलाके हैं जहां हर साल पाताल का पानी काफी नीचे चला जाता है। यहां पर पानी की किल्लत और लो प्रेशर की शिकायत बनी हुई है। इनमें लोक सेवा आयोग, अशोक नगर, मंसूराबाद, औद्योगिक एरिया, सिविल लाइंस, कचहरी, घोघापुर, कसारी-मसारी, पीपलगांव, बेली हॉस्पिटल, आईईआरटी, सदर तहसील, प्रधान डाकघर, पुलिस लाइन शामिल हैं। इन इलाकों का वाटर लेवल डेंजर प्वाइंट पर आ चुका है। पिछले कई सालों से इन एरिया में पानी की किल्लत बनी हुई है। इन एरिया में हर साल पानी का स्टेटस एक से चार मीटर नीचे तक चला जाता है।

दो-दो राउंड लगा रहे हैं टैंकर
पानी की किल्लत से जूझ रहे शहर के अधिकतर एरिया में पानी की सप्लाई टैंकर से की जा रही है। जल संस्थान के अधिकारी बताते हैं कि हमारे पास 40 टैंकर सक्रिय हालत में हैं और औसतन यह रोजाना दो राउंड लगा रहे हैं। सुबह से शाम तक इनकी डिमांड चलती रहती है। कई जगह पब्लिक पानी के टैंकर रोक लेती है तो उससे भी दिक्कत होती है। दूसरी जगह इससे सप्लाई बाधित हो जाती है। शहर में बिजली कटौती भी चरम पर है, ऐसे में पानी के टैंकर की मांग अधिक हो गई है। बता दें कि एक टैंकर में 4500 लीटर पानी आता है। इसके अलावा 24 टैंकर की सप्लाई जोन आफिसेज से की जा रही है।

पहले से डेंजर जोन में है प्रयागराज
शहर में पानी की समस्या ऐसे ही नही पैदा हुई है। प्रयागराज पहले से ही डेंजर जोन में बना हुआ है। शहर को भूगर्भ जल विभाग ने अतिदोहित श्रेणी यानी ओवर एक्प्लाइटेड कैटेगरी में रखा हुआ है। इसकी वजह से यहां के तमाम एरिया में मई के महीने से पानी का स्टेटस नीचे चला जाता है। तब लोग जून के अंत में बारिश का इंतजार करते हैं। इसके बाद वापस सरकारी ट्यूबवेल से प्रॉपर सप्लाई शुरू हो पाती है। वर्तमान में शहर के भूगर्भ जल का औसतन स्टेटस माइनस 2.7 मीटर पर चल रहा है।


तीस हजार से अधिक घर परेशान
स्थिति कितनी गंभीर है कि इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बेनीगंज, बख्शी खुर्द दारागंज और चौखंडी कीडगंज एरिया के तीस हजार से अधिक घर पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। यहां पर टेल तक पानी नही पहुंच पा रहा है। पानी इतना नीचे चला गया है कि लो प्रेशर की समस्या बनी हुई है। ऐसे में नगर निगम ने जल्द ही दो जगह मिनी नलकूप और एक जगह सबमर्सिबल लगाने का फैसला किया है।

चार की जगह दो टाइम सप्लाई
जमीन के भीतर पानी की कमी से जल संस्थान के जोन कार्योलयों ने कई एरिया में पानी की सप्लाई की टाइमिंग में भी बदलाव कर दिया है। कई जगह चौबीस घंटे में तीन से चार ट््यूबवेल चलाए जाते हैं लेकिन अब इन्हे केवल दो बार ही चलाया जा रहा है। इनमें से एक बार अर्ली मार्निंग सप्लाई की जाती है और इसके बाद शाम तीन से चार बजे के बीच ट््यूबवेल चलाया जाता है। इस बदलाव की जानकारी नही होने से भी लोग पानी की कमी का सामना कर रहे हैं।

इससे भी परेशान हैं आम जनता
एक तो पानी की सप्लाई की किल्लत तो दूसरी ओर दूषित जल घरों में आने से भी जनता परेशान है। गुरुवार को ब्वायज हाईस्कूल के आसपास के एरिया में नल से पीले रंग का बदबूदार पानी आ रहा था। शुक्रवार को दोपहर तक विभागीय अधिकारियों ने समस्या की सुध लेना उचित नहीं समझा। इस एरिया के दर्जनों घर अभी भी बाजार से पानी खरीदकर पीने को मजबूर हैं। इसके अलावा कई एरिया में पाइप लाइन लीकेज होने से सीवर के पानी के आने की शिकायत मिल रही है।

शहर के कई एरिया में पानी की किल्लत बनी हुई है। जहां ट््यूबवेल सूख गए हैं वहां पर रिबोर कराया जा रहा है। लो प्रेशर की समस्या भी है। पावर कट से भी दिक्कत पैदा हो रही है। जिन एरिया में पानी की समस्या है वहां पर टैंकर से पानी भेजा जा रहा है। हालांकि इस समय डिमांड अधिक होने से टैंकर भेजने में भी समय लग जा रहा है।
कुमार गौरव
जीएम, जल संस्थान प्रयागराज