प्रयागराज ब्यूरो । हाईकोर्ट इलाहाबाद में मुकदमों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। मगर, न्यायाधीशों की संख्या यहां काफी कम है। यह बातें हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद कार्यकारिणी सदस्यों के द्वारा केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभारी और
संसदीय कार्य हेतु भारत सरकार दिल्ली अर्जुन राम मेघवाल को भेजे गए मांग पत्र में कही गई है।
कई समस्याओं का पत्र में किए जिक्र
मांग पत्र में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद कार्यकारिणी के सदस्यों ने कहा कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कई वर्ष पूर्व न्यायामूर्तिगणों की कुल संख्या 160 निर्धारित की गई थी। वर्तमान परिस्थितियों में भी लंबित मुकदमों की संख्या बढऩे के बावजूद न्यायमूर्ति केवल 83 ही हैं। कुछ न्यायमूर्ति की सेवानिवृत्ति के बाद जनवरी 2025 तक मात्र 80 ही बची है। इस लिए न्यायमूर्तिगण की संख्या में यहां वृद्धि की जाय। कहा गया कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन व अवध बार एसोसिएशन में विधि व्यवसाय करने वाले अधिवक्ता सदस्यों को न्यायमूर्ति के रूप में पदस्थापित किया जाय। हाईकोर्ट इलाहाबाद में अधिवक्ताओं के लिए 2500 चैंबर बनाए जा रहे हैं। चैंबर को फर्नेस कर के नहीं दिए जाने की बात मालूम चली है। इन सारे चैंबरों के फर्नेस का व्यय वहन करने की क्षमता बार एसोसिएशन के पास नहीं है। इसी तरह अधिवक्ताओं के लिए इलाज व सुरक्षा में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट और इलाज जैसी तमाम सुविधाओं की मांग की गई है।