प्रयागराज (ब्यूरो)। बसपा सरकार में शिक्षा मंत्री रहे राकेश धर त्रिपाठी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से मंगलवार को बड़ी राहत मिल गयी। आय से अधिक संपत्ति मामले में सुनवाई के बाद जस्टिस संजय कुमार सिंह की बेंच ने श्री त्रिपाठी को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से मिली सजा पर रोक लगा दी। कोर्ट ने उनकी जमानत भी मंजूर कर ली है। अपने आदेश में कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि आरोपित चूंकि एक मामले में पहले से जमानत पर है तो उसे कोर्ट में सरेंडर करने की जरूरत नहीं होगी। कोर्ट ने जमानत बांड और प्रतिभूति जमा करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
मुट्ठीगंज थाने में दर्ज हुआ था मामला
पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ 18 जून 2013 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के मु_ीगंज थाने में आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कराया गया था। तहरीर में आरोप लगाया गया था कि बसपा सरकार में मंत्री रहते हुए उन्होंने अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की क्योंकि उनके आय और व्यय के डाटा से पता ही नहीं चला कि अतिरिक्त धनराशि आयी कैसे। यह प्रकरण एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में सुना गया। कोर्ट ने एवीडेंस के आधार पर राकेशधर को अवैध संपत्ति रखने का दोषी मानते हुए तीन साल के कारावास और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। श्री त्रिपाठी की तरफ से इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गयी थी। श्री त्रिपाठी की तरफ से याचिका की पैरवी करने वाले अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि, सम्पत्ति वैध स्रोतों से अर्जित की गई है। उन्हें राजनीतिक द्वेषवश फंसाया गया है। कोर्ट ने कहा, सजा के खिलाफ अपील की निकट भविष्य में सुनवाई होने की संभावना नहीं है इसलिए पहले से मिली जमानत स्थायी की जाती है।