महाशिवरात्रि पर्व के साथ ही माघ मेला का भी होगा आज से समापन
महाशिवरात्रि की तैयारियां पूरी, फूलों व रंग बिरंगी झालरों से सजे मंदिर
मंदिरों में अनुष्ठान व पूजन की विशेष व्यवस्था, सुरक्षा के रहेंगे खास इंतजाम
भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के शुभ पर्व महाशिवरात्रि की तैयारियां पूरी हो चुकी है। महाशिवरात्रि को देखते हुए सिटी के प्रमुख मंदिरों और शिवालयों को रंग बिरंगे फूलों बिजली के झालरों से सजाया गया है। जिससे भोले बाबा का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को आलौकिक आनंद की प्राप्ति हो सके। इस दौरान मंदिरों में श्रद्धालुओं को कोरोना महामारी के संक्रमण को फैलने से बचाने के लिए भी सभी जरूरी इंतजाम किया गए है। साथ ही मंदिरों की सुरक्षा के लिए भी प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था की गई है। जिससे किसी भी प्रकार की समस्या श्रद्धालुओं का ना हो सके। महाशिवरात्रि को देखते हुए सिविल लाइंस हनुमान मंदिर, नागवासुकी मंदिर, शंकर विमान मण्डपम, पडि़ला महादेव मंदिर, लालापुर महादेव मंदिर सहित अन्य शिव मंदिरों में रूद्राभिषेक- पूजन और दर्शन का सिलसिला गुरुवार की भोर से ही शुरू हो जाएगा।
माघ मेले के आखिरी स्नान पर्व की तैयारियां पूरी
माघ मेले के आखिरी स्नान पर्व को देखते हुए संगम पर भी विशेष तैयारियां की गई है। इस दौरान घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। महाशिवरात्रि के साथ ही माघ मेला 2021 का भी गुरुवार को समापन हो जाएगा। ऐसे में महाशिवरात्रि पर स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की गई है। मेलाधिकारी के साथ ही अन्य अधिकारियों ने बुधवार को स्नान पर्व को देखते हुए व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
मंदिरों- आश्रम में होंगे रूद्राभिषेक व भंडारा
महाशिवरात्रि पर शहर के विभिन्न मंदिरों और आश्रमों में विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया है। ओम नम: शिवाय संस्था की ओर से गऊघाट आश्रम में महाशिवरात्रि पर भोर से रूद्राभिषेक और पूजन शुरु होगा। इसके बाद 11 बजे से भगवान शिव की लीलाओं का मंचन होगा। उसके बाद विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया है।
संस्था के पूज्य गुरुदेव ने बताया महाशिवरात्रि पर सुबह आठ बजे शिव बारात उठेगी और भव्य शोभायात्रा निकाली जायेगी। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्वयंसेवक शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि भगवान शिव सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले है। भगवान शिव का गंगा जल, दूध, दही, शहद, शक्कर, सफेद फूल, धतूरा, मदार, गन्ने का रस, शमी और बेलपत्र से अभिषेक करना चाहिए। इसी प्रकार से झूंसी के कैवल्य आश्रम, क्रियायोग आश्रम एवं अनुसंधान संस्थान, मेजा के परमहंस स्वामी प्रभाकर महराज और नैनी के स्वामी आशीष दास महराज एवं श्री दण्डी स्वामी आश्रम अरैल के नागेश्वर महादेव मंदिर मे भोर से रूद्राभिषेक और पूजन होगा। यह जानकारी आचार्य धनंजय स्वरूप ब्रह्मचारी ने दी है।