प्रयागराज (ब्‍यूरो)। दिवाली पर दिये और बिजली की झालर जलाने का क्रेज है। इसके बाद लोग कैंडल भी खरीदते हैं। कुछ साल पहले तक ट्रेडिशनल कैंडल मिलती थी जिसे लोग घर ले जाते थे लेकिन धीरे धीरे मार्केट में फैंसी कैंडल का ट्रेंड हावी होता जा रहा है। वर्तमान में कैंडल की मार्केट बिजली की झालरों को जोरदार टक्कर दे रही है। इनकी बनावट और वैरायटी ऐसी है कि हर किसी का खरीदने का मन होने लगता है।

रात भर जलेगी और खुश्बू भी देगी

इस बार शहर के नवाब युसुफ रोड पर बीएसएनएल एक्सचेंज के पास दीवाली मेला लगाया गया है। पहली बार ऐसा प्रयास किया गया है कि स्ट्रीट वेंडर्स को त्योहार पर रोजगार का मौका मिल सके। उम्मीद के मुताबिक इस बाजार में एक से एक दीवाली के आइटम मौजूद हैं। कैंडल की बात करें तो सबसे ज्यादा सेंटेड कैंडल की डिमांड हो रही है। इसको जलाने पर यह लंबे समय तक जलती है और इसमें से खुश्बू भी निकलती है। यह छह से बारह पीस के पैक में अवेलेबल है जिसके दाम 500 रुपए तक हैं।

फ्लोटिंग कैंडल का नहीं है जवाब

मार्केट में फ्लोटिंग कैंडल का भी कोई जवाब नही है। आसानी से आपको 150 से 200 रुपए में इसके दस से बीस पीस मिल जाएंगे। इसी तरह जेल कैंडल का भी अपना क्रेज है। यह दिये के आकार की है और इसमें तेल की जगह जेल भरा होता है। यह कैंडल लंबे समय तक जलता है और देखने में भी खूबसूरत लगता है। 300 रुपए तक एक से बढ़कर एक जेल कैंडल आपको मिल जाएंगे। इसी तरह पहली बार रिक्शा और साइकिल कैंडल भी मार्केट में आया है। इसकी कीमत 200 रुपए प्रति पीस है और यह देखने में काफी आकर्षक लगता है। लोग इसे काफी पसंद भी कर रहे हैं।

करोड़ों रुपए का है कारोबार

हर साल दिवाली पर कैंडल का करोड़ो का कारोबार होता है। इससे तमाम लघु उद्योगों को रोजगार मिल जाता है। इसी तरह गणेशजी कैंडल भी मार्केट में पसंद की जा रही है। इसका रेट 300 से 400 रुपए में है। फ्लावर कैंडल भी डिमांड में है। इसमें रोज कैंडल आकर्षक का केंद्र बनी है। शॉपकीपर्स का कहना है कि कोलकाता और दिल्ली से अधिकतर माल आता है। लोकल उद्योगों का माल भी दुकानों पर आता है। समय के साथ कैंडल की मांग बढ़ती जा रही है।

कैंडल की मार्केट इस बार दिवाली पर चमकने को तैयार है। लोगों को फैंसी कैंडल काफी पसंद आ रही है। उनका कहना है कि जलने के साथ देखने में भी अच्छी लगनी चाहिए। लोग अपने घर के हिसाब से कैंडल ले जाते हैं और इनसे त्योहार की शोभा बढ़ती है।

मो। अफसर, दुकानदार