सपा नेता धर्मेन्द्र यादव को कोर्ट ने जारी किया नोटिस
हाईकोर्ट ने कहा है कि आंदोलन के दौरान किसी जीवित व्यक्ति का पुतला फूंकना प्रथम दृष्टया अपराध नहीं है। जैसा कि कानून में वर्णित है। यह आदेश जस्टिस जेजे मुनीर ने एसीजेएम जलेसर इटावा के समक्ष चल रही आपराधिक प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए दिया है। कोर्ट ने सपा नेता धर्मेन्द्र यादव को नोटिस जारी कर इस मामले में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है। सत्येंद्र सिंह जादौन और अन्य लोगों ने निचली अदालत में चलरही कार्यवाही को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
भाजपा के कार्यकर्ता हैं याची
याचीगण भाजपा कार्यकर्ता हैं। इन लोगों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री का पुतला फूंका था। 2 नवंबर 2014 को धर्मेन्द्र सिंह यादव ने थाना जलेसर एटा में इसकी प्राथमिकी दर्ज कराई। जिसमें कहा गया कि भाजपा के 20 सदस्यों ने अखिलेश यादव का पुतला फूंका जो यूनाइटेड प्राविंसेज स्पेशल पावर एक्ट 1932 की धारा 6 के तहत दंडनीय अपराध है। कहा गया कि आरोपियों ने न सिर्फ पुतला फूंका बल्कि नारा लगाते हुए रास्ता अवरुद्ध कर दिया। कोर्ट ने निचली अदालत में चल रही प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए धर्मेन्द्र सिंह यादव को नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई 6 सप्ताह के बाद होगी।