प्रयागराज ब्यूरो । ऐसी न जाने कौन सी बात थी कि नाबालिग सहित चार युवाओं ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। चौबीस घंटे में जिले के अंदर हुई सुसाइड की इन घटनाओं को सुन लोग सन्नाटे में रहे। चोरों के सुसाइड का सही कारण पुलिस को परिवार भी नहीं बता सका। किसी का कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला। सम्बंधित थाने की पुलिस पड़ताल बाद बॉडी
को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। पोस्टमार्टम बाद परिजन बॉडी लेकर घर चले गए। सुसाइड की इन घटनाओं पर गौर करें तो हर छह घटें पर एक यूथ ने सुसाइड किया। मनोचिकित्सक कहते हैं कि यह स्थिति चिंता जनक है। इस तरफ हर अभिभावक को सतर्क रहने की जरूरत है।
कमरे में फंदे से लटका मिला युवक
शहर के करेली इलाके में स्थित सुल्तानपुरभावा निवासी निवासी निखिल सिंह कमरे में फांसी लगा लिया। यह घटना रविवार की देर शाम हुई। रात में खाने के लिए परिवार बुलाने गया तो दरवाजा बंद मिला। परिजन किसी तरह देखे तो रूम में बॉडी लटक रही थी। वह पिता के साथ लकड़मण्डी में लकड़ी की दुकान पर काम किया करता था। सूचना पर पहुंची पुलिस बॉडी किसी तरह दरवाजे की कुण्डी खोलकर रूम में पहुंची। फांसी के फंदे से बॉडी उतारने के बाद पुलिस पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। सोमवार को उसकी बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे परिजनों कुरेदने पर बताए कि वह कुछ दिनों से काफी परेशान था। उसे कोई महिला परेशान कर रही थी। महिला कौन और कहां की है यह बात किसी को नहीं मालूम। निखिल दो भाइयों में बड़ा था। उसकी दो बहनें व मां कुच्ची देवी भी है। उसकी मौत से पूरे परिवार में कोहराम मचा रहा।
फांसी लगाकर बालिका ने किया सुसाइड
बहरिया थाना क्षेत्र के चतुरपुर गांव में 14 वर्षीय प्रियंका भी रविवार की देर शाम फांसी के फंदे पर झूल गई। वह बाबा के साथ गांव में रहा करती थी। मां थीं नहीं, पिता बेटों संग गुजरात में रहता था। बाबा खेत में फसलों की रखवाली करने गया था। बताते हैं कि जब वृद्ध बाबा लौटा तो दरवाजा बंद था। पीछे की खिड़की से देखा तो पोती की बॉडी फांसी के फंदे से लटक रही थी। लोगों की भीड़ देखकर बहरिया थाने का कहीं जा रहा सिपाही रुक गया। जब उसे सुसाइड की बात मालूम चली तो जानकारी थाने दिया। फोर्स पहुंची और बॉडी फंदे से उतारकर पूछताछ ओर छानबीन की। रूम में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। बॉडी पोस्टमार्टम हाउस भेज दी गई। बाबा ने बताया कि वह गांव में ही कक्षा आठ की छात्रा थी। सुसाइड का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। थाना प्रभारी रमेश कुमार सिंह ने कहा कि बालिका के सुसाइड का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।
बारात आने से पहले निकली अर्थी
मेजा थाना क्षेत्र के बधवा निवासी विनोद कुमार की 33 वर्षीय बेटी प्रीति मिश्रा ने भी फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। परिवार वालों की नजर पड़ी तो उनमें कोहराम मच गया। रविवार शाम करीब पांच बजे हुई घटना की खबर सुन पड़ोसी जा पहुंचे। बात मालूम चली तो मेजा पुलिस भी पहुंच गई। छानबीन में यहां भी कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। पुलिस द्वारा बॉडी पोस्टमार्टम हाउस भेज दी गई। सोमवार को परिजनों संग पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे कुछ लोगों ने बताया परिवार वाले उसकी शादी तय कर दिए थे। तिलक आदि हो चुका था, 28 जनवरी को दरवाजे पर बारात आनी थी। पुलिस का मानना है कि सुसाइड का कारण तय की गई शादी भी हो सकती है। हालांकि इसके कोई सुबूत नहीं हैं। थाना प्रभारी ज्ञानेश्वर मिश्र ने कहा कि परिवार की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है।
छात्रा की बॉडी का भी हुआ पोस्टमार्टम
शहर के कर्नलगंज इलाके में राम प्रिया रोड स्थित शास्त्री गल्र्स हॉस्टल में रविवार को एक छात्रा फांसी लगा ली थी। साक्षी की बॉडी का सोमवार को पोस्टमार्टम हुआ। वह यहां आईइआरटी की तृतीय वर्ष की छात्रा था। पुलिस के मुताबिक देर रात उसका परिवार थाने पहुंचा था। पोस्टमार्टम बाद बॉडी परिजनों को सौंप दिया गया। परिवार से सुसाइड की वजह परिवार के लोग भी नहीं बता सके। कहा गया कि उसके मोबाइल पर मां फोन की थी। जब कॉल रिसीव नहीं हुई तो वह उसकी सहेली के पास फोन करके देखने के लिए कही। जब उसकी सहेली हॉस्टल पहुंची तो उसके सुसाइड की बात सामने आई।
कोई भी व्यक्ति सुसाइड यूं ही नहीं कर लेता। सुसाइड के पूर्व उसके दिमाग में इस तरह की चीजें चल रही होती हैं। पूर्व में भी बताया जा चुका है कि जब ऐसी स्थिति आती है तो लोग गुमसुम हो जाते हैं। उनमें चिड़चिड़ापन बढऩे के साथ वह लोगों से दूर रहने लगते हैं। यह बातें हर अभिभावक को समझकर सतर्क होना होगा।
डॉ। राकेश पासवान, मनोचिकित्सक