प्रयागराज (ब्यूरो)। शारदा और लालचंद दोनों एक साथ कमाने निकले पर मौत ने दोनों पर झपट्टा मार दिया। काम करते वक्त मौत बनकर गिरी दीवार ने उनकी जिंदगी ले ली। कच्ची दीवार के मलबे में दोनों दब गए। दीवार हटाकर जब तक दोनों को निकाला गया। शारदा की सांस थम चुकी थी और लालचंद ने अस्पताल के रास्ते में दम तोड़ दिया। दोनों की मौत से पूरे गांव में मातम का माहौल है।
कौशांबी चरवा थाना के रतगहा गांव के रहने शारदा (48) और लालचंद (55) मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। रोज दोनों साथ ही काम पर जाते थे। सोमवार को भी दोनों एक साथ काम पर निकले। पूरामुफ्ती के बाकराबाद मोहल्ले में झगड़ू के घर में काम चल रहा था। दोनों करीब एक हफ्ते से यहां मजदूरी कर रहे थे। सोमवार सुबह दोनों काम पर पहुंचे। काम शुरू हुआ। दोनों मिट्टी की कच्ची दीवार को गिरा रहे थे।
भरभराकर गिर गई दीवार
इस बीच अचानक भरभराकर दीवार गिर गई। दोनों उसके नीचे दब गए। शोर सुन अन्य मजदूर और गांव के लोग पहुंचे। दोनों मिट्टी के मलबे में दबे थे। आननफानन में दीवार का मलबा हटाया गया। शारदा गिरी दीवार का झटका सह नहीं पाया। उसने मलबा हटने के पहले ही दम तोड़ दिया। मलबा हटने पर पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। मगर लालचंद की सांस चल रही थी। लोगों ने पुलिस को सूचना दी। 112 नंबर पुलिस पहुंची। पुलिस ने लालचंद को अस्पताल भेजा। मगर कुछ दूर जाने पर उसकी भी मौत हो गई। इस बीच गांव वाले इक_ा हो गए। सूचना पर थाना प्रभारी उपेंद्र सिंह पहुंच गए। परिजनों को सूचना दी गई। दोपहर में परिजन रोते बिलखते पहुंचे।
दोनों एक साथ रहे, एक साथ गए
शारदा भले ही लालचंद से सात साल छोटा था, मगर दोनों के बीच गजब दोस्ती थी। दोनों साथ ही काम पर आते थे और अक्सर साथ रहते थे। गांव, इलाके में कहीं दावत भी होती थी तो दोनों साथ ही जाते थे। दोनों साइकिल से चलते थे। गांव के लोगों का कहना था कि करीब तीस साल से दोनों के बीच दोस्ताना संबंध थे। शायद यही बात थी कि जब मौत आई तो दोनों साथ ही रहे और साथ ही गए।