प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शहर में गली गली मौत का सामान बिक रहा है। ये मौत का सामान है एसिड। शुक्रवार रात गऊघाट में मामूली से झगड़े के बाद एक युवक पर एसीड फेंक दिया गया। ये तो गनीमत रही कि युवक को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा। मगर इस घटना ने एक बार फिर एसिड अटैक के डर को लोगों में जगा दिया है। अभी छह महीने पहले ही शहर के आधे पुलिस महकमे ने एसिड अटैक को खुद झेला है। मगर इसके बाद भी एसिड की बिक्री पर कोई रोक टोक नहीं है। जबकि पुलिस तब एसिड की बोतलें खोजती फिरती है जब एसिड अटैक की कोई सनसनी खेज घटना हो जाती है।

मामूली बात पर हुआ झगड़ा
गऊघाट का रहने वाला ऋषभ शुक्रवार रात दुकान के पास खड़ा था। इस दौरान वहां पर साहिल केसरवानी और उसके पिता निरंकार केसरवानी निवासी नई बस्ती पहुंचे। मामूली बात पर ऋषभ और साहिल के बीच झगड़ा हो गया। इस दौरान ऋषभ पर पानी की छीटें पड़ीं। वह कुछ समझ पाता इसके पहले उसे जलन शुरू हो गई। हल्ला मचा कि ऋषभ पर एसिड फेंक दिया गया। राहत की बात रही कि ऋषभ को ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। पुलिस ने मामले में साहिल और उसके पिता निरंकार को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस पर एसिड अटैक
19 जुलाई को करेली के गौसनगर में पुलिस पर एसिड अटैक हुआ था। गौसनगर के रहने वाले मो.आरिफ ने अपनी मां अनीशा और बहन आफरीन की हत्या कर दी थी। भाई आजम और उसकी पत्नी को जान से मारने का प्रयास किया था। घटना की जानकारी पर करेली के तात्कालीन थानेदार रामाश्रय यादव मौके पर पहुंचे तो पुलिस टीम पर आरिफ ने एसिड अटैक किया था। आधा दर्जन थानेदार और दो दर्जन से ज्यादा सिपाही एसिड अटैक में जख्मी हुए थे। पुलिस ने इस मामले में आरिफ को एसिड देने वाले दो दुकानदारों को गिरफ्तार भी किया था।

ये हो चुकी हैं घटनाएं
- मऊआइमा में एक छात्रा पर एसिड अटैक किया गया था। छात्रा पर एक युवक ने एसिड फेंका था। इस मामले को हाईकोर्ट ने बेहद गंभीरता से लिया था।
- एक महिला बैंक मैनेजर पर भरवारी के पास एसिड अटैक हुआ था।
- खीरी में एक महिला पर एसिड अटैक किया गया। जिसमें महिला झुलस गई।
- बहरिया थाना क्षेत्र में तीन सगी बहनों पर एसिड अटैक किया गया था।


राज्य सरकार से जवाब तलब

उत्तर प्रदेश में तेजाब की खुली बिक्री पर रोक लगाने के लिए एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। जिस पर हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमके गुप्ता और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की पीठ ने राज्य सरकार के वकील को हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि प्रदेश में तेजाब की खुली बिक्री पर रोक लगाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने हलफनामे में यह भी पूछा है कि ऐसे मामलों में कितने पीडि़तों को मुआवजा दिया गया है। पिछले पांच साल में तेजाब के कितने मामले आए हैं।

कहीं भी मिलेगा बीस रुपये में
ट्वायलेट क्लिीनर के नाम पर बीस में कहीं भी किसी भी दुकान पर एसिड मिलेगा। फौरी तौर पर ट्वालट क्लिीनर के नाम पर बिकने वाला एसिड नुकसान तो नहीं पहुंचाता है मगर शरीर में संवेदनशील स्थानों पर इसके छीटे नुकसान दायक हो सकते हैं। जैसे चेहरा, आंख। इसके बावजूद इस एसिड की रोकथाम नहीं है। जबकि पूरे शहर में शायद ही कोई ऐसी दुकान हो, जहां पर ट्वायलेट क्लिीनर के नाम पर एसिड न बिक रहा हो।

धुंआ ले सकता है जान
ट्वायलेट क्लिीनर का धुंआ जानलेवा हो सकता है। इसका धुंआ सांस लेने में परेशानी पैदा करता है। अचानक इसका धुंआ जान ले सकता है। फर्श पर सीधे बगैर पानी मिलाए ट्वायलेट क्लिीनर डाला जाए तो उससे उठने वाले धुएं से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। धुएं से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है।

तेजाब तीन प्रकार का होता है। पहला शोरे से बना, दूसरा गंधक से बना और तीसरा नमक से बना। नमक से बने तेजाब को आमतौर पर घरेलू इस्तेमाल में लिया जाता है। मगर गंधक और शोरे के तेजाब तीव्र प्रभाव वाले होते हैं। इन दोनों से नुकसान पहुंच सकता है।
डा.सीपी शर्मा, केमेस्ट्री टीचर