प्रयागराज (ब्यूरो)जी हां, बात तेजाब की हो रही है। टॉयलेट क्लीनर के नाम पर बोतलों में तेजाब बेचा जा रहा है। इसके बाद भी न कोई जांच है न कोई धरपकड़। वहीं, जब तेजाब के हादसे होते हैं तो पुलिस कुछ दिन जांच पड़ताल के बाद दूसरे कामों में लग जाती है। और जब हादसा होता है तो पुलिस तेजाब के खिलाफ अभियान शुरू कर देती है।

मऊआइमा कांड से हिल गया था प्रदेश
मऊआइमा में एक 18 वर्षीय छात्रा पर 2018 में एसिड अटैक हुआ था। घटना छात्रा के कॉलेज से लौटते वक्त हुई थी। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था। जिसमें एसिड अटैक की शिकार छात्रा के उपचार को लेकर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया था। उस दौरान छात्रा का उपचार एसआरएन अस्पताल में चल रहा था।

बैंक मैनेजर पर हुआ था एसिड अटैक
शहर के हिम्मतगंज की रहने वाली दीक्षा सोनकर पर एसिड अटैक हुआ था। बैंक ऑफ बड़ौदा में बैंक मैनेजर के साथ ये हादसा कौशांबी के चरवा चिल्ला शहबाजी गांव के पास हुआ था। बैंक मैनेजर पर बाइक सवार दो युवकों ने एसिड डाल दिया था। जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया था। बीते 12 मई की रात को एयू के छात्र नेता अजय सम्राट को फोन पर एसिड अटैक की धमकी दी गई थी। मामला छत्र नेता से जुड़ा होने की वजह से कई दिनों तक सुर्खियों में रहा। छात्र नेता ने कर्नलगंज थाने में केस दर्ज कराया था।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई है रोक
6 फरवरी 2015 को एसिड सर्वाइवर्स के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। लक्ष्मी बनाम भारत संघ केस में सुप्रीम कोर्ट ने एसिड की बिक्री पर प्रतिबंध के निर्देश दिए हैं। इस फैसले के बाद एसिड अटैक को गंभीर अपराध की श्रेणी में डाला गया। पीडि़तों के लिए मुआवजे की व्यवस्था दी गई।

क्या है एसिड बिक्री के नियम
तेजाब खरीदने वालों को दुकानदार के पास पहचान पत्र जमा करना चाहिए।
कोई भी दुकानदार बगैर लाइसेंस के तेजाब की बिक्री नहीं कर सकता है।
18 वर्ष से कम उम्र के लोग एसिड नहीं खरीद सकते।
तेजाब बिक्री के नियम के उल्लंघन पर 50 हजार के जुर्माने का प्रावधान।