प्रयागराज (ब्यूरो)। निमोनिया एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है। इसका समय रहते सही तरह से इलाज न किया जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकता है। निमोनिया होने पर फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं और इससे श्वसन प्रणाली प्रभावित होती है। इसके कई दुष्परिणाम हो सकते हैं। छोटे बच्चों में निमोनिया होने पर कई लक्षण नजर आते हैं। जिनको समय रहते इलाज कराने से ठीक किया जा सकता है।
इन लक्षणों से रहिए होशियार
बच्चों का तेज सांस लेना
सांस लेने में घरघराहट
खांसी, सीने में दर्द, बुखार और सांस लेने में मुश्किल
उल्टी होना, पेट या सीने के निचले हिस्से में दर्द होना
कंपकपी, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द आदि
हॉस्पिटल में बढऩे लगे केसेज
तापमान गिरा और गलन के साथ बर्फीली हवाएं चलने लगी हैं, निमोनिया के मामलों में बढ़ोतरी होने लगी है। चिल्ड्रेन अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में निमोनिया से ग्रसित मरीज तेजी से भर्ती हो रहे हैं। अन्य अस्पतालों में भी यही हाल है। डॉक्टर्स का कहना है कि अभी ठंड का स्तर बढ़ेगा, ऐसे में लोगों को अधिक होशियार रहना होगा। बच्चों को ठंड से बचाकर रखना होगा।
ऐसे होगा निमोनिया से बचाव
बच्चों के सभी टीकाकरण करवाना जरूरी
पौष्टिक आहार दिया जाए, बाजार की चीजों से दूर रखें
ठंड से एक्सपोजर बचाना जरूरी
खुले में बच्चों को न नहलाएं और न ही तेल मालिश करें
भीड़भाड़ वाले एरिया में बच्चों को ले जाने से बचना चाहिए
बच्चा पैदा हो तो उसे तुरंत मां का दूध जरूर पिलाएं, क्योंकि इसमें कोलेस्ट्रम होता है जिससे बच्चे की इम्युनिटी मजबूत हो जाती है
डॉॅक्टर्स का कहना है कि कोरोना काल में निमोनिया अधिक घातक साबित हो सकता है। वर्तमान में फिर से कोरोना के मामले बढृ़ रहे हैं ऐसे में लोगों को सजग रहना होगा। अगर निमोनिया के साथ कोरोना का अटैक हुआ तो मरीज की जान खतरे में पड़ सकती है। इसलिए एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें और मास्क पहनना सुनिश्चित करें।
ठंड बढ़ते ही निमोनिया के मरीज आने लगे हैं। बच्चों को इस सीजन में बचाकर रखने की जरूरत है। लापरवाही उनको बीमार कर सकती है। साफ सफाई का ध्यान दिया जाए और उनको खुले में ले जाने से बचा जाए। शुरुआत लक्षणों पर इलाज कराना जरूरी है।
डॉ। अनुभा श्रीवास्तव प्रभारी एचओडी, चिल्ड्रेन हॉस्पिटल प्रयागराज