प्रयागराज (ब्यूरो)। दरियाबाद का जिया पंजतन थाईलैंड में बंधक बना लिया गया है। जिया आठ दिन से लापता था। उसका घरवालों से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। सोमवार शाम को जिया ने अपनी बहन को फोन करके बताया कि उसे बंधक बना लिया गया है। यह सुनते ही घरवालों के पैरों तले जमीन खिसक गई। जिया ने बताया कि उसे छोडऩे के लिए अपहर्ता 22 लाख रुपये मांग रहे हैं। परिजनों ने अतरसुइया थाने में शिकायत की, मगर पुलिस ने केस दर्ज करने से इंकार कर दिया। परिजनों ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया है। वहीं, एसीपी अतरसुइया ने कहा कि वह गृह मंत्रालय से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं। युवक को सुरक्षित उसके घरवालों तक पहुंचाया जाएगा।
कई साल से है विदेश में जिया
दरियाबाद के रहने वाले आले पंजतन के दो बेटे जिया पंजतन और बख्शीश पंजतन हैं। जबकि एक बेटी कनीज पंजतन है। जिया पंजतन तीन साल से दबई की एक बैंक में काम कर रहा था। जिया की अभी शादी नहीं हुई है।
नौ जुलाई को आया फोन
दुबई से जिया पंजतन ने अपनी बहन कनीज को नौ जुलाई को फोन किया। जिया ने बताया कि थाई लैंड के बैंकाक स्थित एक चाइनीज कंपनी ने उसे अस्सी हजार रुपये हर माह सैलरी का ऑफर दिया है। वह उस कंपनी को ज्वाइन करना चाहता है। इस पर बहन ने हामी भर दी। आननफानन में जिया ने पैकिंग की। इसके बाद वह फ्लाइट से दुबई से हैदराबाद आया। हैदराबाद से बाई फ्लाइट वह बैंकाक पहुंचा। 12 जुलाई को जिया ने कनीज को फोन किया। मगर थकान की बात कहते हुए ज्यादा देर तक उसने बात नहीं की। 13 को उसकी बात कनीज से हुई। जिया ने उसे बताया कार से वह लोग बैैंकाक से बहुत दूर लाए गए हैं।
नौवें दिन हुई बात
कनीज को लगा कि सब मामला ठीक है। 14 जुलाई को शाम को जब जिया का फोन नहीं आया तो बहन कनीज ने उसे मैसेज किया। फोन किया। मगर जिया का मोबाइल बंद बता रहा था। इसके बाद जिया का मोबाइल लगातार बंद बताता रहा। कॉल पर न तो बात हो पा रही थी, और न ही जिया व्हाट्स एप पर बहन कनीज का मैसेज रिसीव कर रहा था।
18 को गृह मंत्रालय से शिकायत
पांच दिन तक जब कनीज की जिया से बात नहीं हो पाई तो परेशान कनीज ने 18 जुलाई को भारतीय दूतावास में मेल भेज कर बताया कि उसका भाई बैंकाक के पास है। उसका पांच दिन से मोबाइल बंद है।
मुझे बंधक बना लिया है
22 जुलाई की शाम पांच बजकर चालीस मिनट पर जिया का फोन कनीज के पास आया। कनीज ने फोन रिसीव किया। भाई जिया ने कनीज को बताया कि उसे बंधक बना लिया गया है। वह कहां है इस बारे में नहीं जानता है। बंधक बनाने वाले अपहर्ता उसे छोडऩे के लिए 22 लाख रुपये मांग रहे हैं। इतना सुनते ही कनीज के होश उड़ गए। इसके बाद जिया का मोबाइल बंद हो गया।
पुलिस ने नहीं दर्ज किया केस
घटना की जानकारी कनीज ने अपने पिता को दी। इसके बाद परिवार वाले अतरसुइया थाने पहुंचे। वहां पर जिया के पिता आले पंजतन ने पुलिस से पूरा मामला बताया और केस दर्ज करने की गुजारिश की। मगर पुलिस ने केस दर्ज के बजाए परिजनों को बैरंग वापस कर दिया। इसके बाद कनीज ने भारतीय दूतावास और प्रधानमंत्री कार्यालय को ई मेल के जरिए पूरी जानकारी दी।
पैसे का इंतजाम करके मुझे छुड़ा लो
23 जुलाई शाम पांच बजकर सत्रह मिनट पर जिया का फोन कनीज के पास आया। उसके पूछा कि पैसे का इंतजाम हुआ। जिस पर कनीज ने बताया कि पैसे का इंतजाम अभी नहीं हुआ है। जिस पर जिया ने कहा कि जैसे तैसे पैसे का इंतजाम करके उसे छुड़ा लो। इसके बाद फोन बंद हो गया।
मेरे भाई को थाइलैंड में बंधक बनाया गया है। मेरे पिता अतरसुइया थाने गए थे, मगर वहां पर पुलिस ने केस नहीं दर्ज किया। मैंने भारतीय दूतावास और प्रधानमंत्री कार्यालय में ई मेल से घटना की जानकारी देकर मदद मांगी है। अभी वहां से कोई जवाब नहीं आया है।
कनीज पंजतन, बहन
मामले की जानकारी हुई है। मामला गंभीर है। गृहमंत्रालय से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। थाईलैंड में बंधक बनाए गए युवक को सकुशल उसके घर पहुंचाया जाएगा।
पुष्कर वर्मा, एसीपी अतरसुइया