प्रयागराज ब्यूरो, नहाय खाय के दिन छठ व्रती सिर्फ एक ही बार खाना खाते हैं। इस दौरान तैयार किए गए भोजन में सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं लहसुन और प्याज खाने की मनाही रहती है। इसके अलावा बैंगन आदि सब्जियों को भी नहाय-खाय के दिन खाने में शामिल नहीं किया जाता।

ऐसे शुरू होगा उपवास

नहाय-खाय के दिन भोजन करने के बाद व्रती अगले दिन शाम को खरना पूजा करती हैं। इसमें महिलाएं शाम के समय लकड़ी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाकर उसे प्रसाद के तौर पर खाती हैं और इसी के साथ व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। मान्यता है कि खरना पूजा के बाद ही घर में देवी षष्ठी (छठी मईया) का आगमन हो जाता है। छठ पूजा का तीसरा दिन काफी खास माना जाता है। इस दिन शाम को डूबते हुए सूर्य को अघ्र्य दिया जाता है। छठ पूजा के चौथे दिन व्रती द्वारा उगते हुए सूर्य को अघ्र्य दिया जाता है। फिर पारण करने के बाद छठ पर्व का समापन होता है।

अफसरों ने परखी तैयारी

शुक्रवार को डीएम संजय कुमार खत्री और एसएसपी शैलेष कुमार पांडेय ने छठ पूजा के तहत घाटों का जायजा लिया। उन्होंने संगम क्षेत्र, गऊघाट, बलुआघाट सहित अन्य घाटों तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने गहरे पानी में बैरीकेडिंग, पुलिस अधिकारियों की तैनाती, महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती, पानी, मोबाइल टायलेट, प्रकाश, साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने कहा कि छठ पूजा के अवसर पर जेटी की व्यवस्था की जाए। संभावित भीड़ की जानकारी केलिए पीए सिस्टम लगाया जाए। एसएसपी न गोताखोर और नाव की व्यवस्था करने को कहा है। इस अवसर पर इस दौरान नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग, अपर जिलाधिकारी मदन कुमार, एसडीएम मेला आशुतोष राय आदि मौजूद रहे।