प्रयागराज ब्यूरो । लाडलों की रांग ड्राइविंग का जुर्माना इस महंगाई में उनके 'पापाÓ को भुगतना पड़ रहा है। ड्राइविंग में युवाओं की छोटी-छोटी लापरवाही चालान का कारण बन रही है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा किए गए चालान की रकम परिजनों की जेब पर भारी पड़ रही है। ट्रैफिक नियमों को तोडऩे में हुए ज्यादातर चालान युवाओं के बताए जा रहे हैं। पिछले चार महीनों में कुल छह प्रकार के 17 हजार 174 चालान हुए हैं। चालान के यह आंकड़े चेकिंग के दौरान ट्रैफिक पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के हैं। ऑनलाइन जगह-जगह लगाए गए कैमरों से हुए चालान की संख्या इससे भी अधिक है। चेकिंग व चालान करने वाले ट्रैफिक पुलिस के जवानों की मानें तो ज्यादातर नियम युवाओं के जरिए ही तोड़े जाते हैं। इनमें छात्रों की संख्या अधिक है।

रूल्स तोडऩे वालों में छात्र हैं ज्यादा

ट्रैफिक नियमों को लेकर शहर लगातार विभाग द्वारा चेकिंग व कार्रवाइयां की जा रही हैं। बावजूद इसके सड़कों पर फर्राटा भरने वाले युवा नियमों को तोडऩे से बाज नहीं आ रहे। गाडिय़ों पर स्टाइलिस व गलत नंबर प्लेट लगाने का शौक ऐसे युवाओं के अभिभावकों की जेब पर महंगा पड़ रहा है। जनवरी से अप्रैल महीने तक चलाए गए चेकिंग अभियान में ट्रैफिक पुलिस के द्वारा चालान की खूब कार्रवाई की गई। रोज चेकिंग व चालान करने वाले ट्रैफिक के जवान कहते हैं कार्रवाई के वक्त ज्यादा युवा ही रूल्स को तोड़ते हुए रोड पर मिलते हैं। उसमें भी छात्रों की संख्या काफी अधिक होती है।

गलतियों को छिपाने को मनाते हैं बहाना

चेकिंग के दौरान रोकने पर उनके जरिए गलती छिपाने के लिए तरह-तरह के बहाने बताए जाते हैं। ड्राइविंग के वक्त मोबाइल पर बात नहीं करना है। यह जानकारी हर किसी को है। बावजूद इसके लोग ड्राइविंग करते हुए बाइक व कार पर मोबाइल से बातें करते रहते हैं। इससे चालक का ध्यान बंट जाता है और एक्सीडेंट के खतरे बढ़ जाते हैं। कहते हैं कि लगातार जागरूक किए जाने के बावजूद इन युवाओं की ड्राइविंग पर अभिभावक ध्यान नहीं दे रहे। ऐसी स्थिति में युवाओं की गाडिय़ों के चालान का जुर्माना अभिभावकों खासकर उनके पिता को ही भरना पड़ता है। परिजन यदि थोड़ी सी केयर कर लें इन युवाओं के जरिए ट्रैफिक रूल्स का पालन होने लगे। ऐसी स्थिति में उनका चालान तो बचेगा ही जुर्माने की जमा की जाने वाली रकम भी सेफ होगी। उसी पैसे माता पिता या अन्य परिजन कोई दूसरे काम कर सकते हैं। कहते हैं कि अब तक हुए चालान में युवाओं के जरिए सबसे ज्यादा ड्राइव टू साइड, डीएल, सीट बेल्ट, पार्किंग, ड्राइविंग के वक्त मोबाइल पर बात नहीं करने के रूल्स तोड़े गए हैं। गाडिय़ों को जहां चाहे वहीं खड़ी करके घंटों के लिए चले जाने वालों की भी संख्या कम नहीं रही। चेकिंग के दौरान इन नियमों को तोड़ते हुए मिले लोगों के चालान किए गए। सबसे ज्यादा चालान नो डीएम और नो सीटबेल्ट और नो पार्किंग पर ही हुए हैं। विभागीय लोग कहते हैं कि चालान से बचने व जुर्माने की रकम बचाने का एक ही जरिया है कि नियमों का पालन किया जाय।

प्रकार चालान जुर्माना
रांग साइड 1266 1000
नो-डीएल 4469 1000
नो-सीट बेल्ट 4915 1000
रांग नंबर प्लेट 826 5000
नो पार्किंग 5698 500
मोबाइल से बात 150 1000

घर से युवा गाड़ी लेकर निकलें तो अभिभावक उनके डीएल और हेलमेट जरूर चेक करें
हिदायत दें कि गाड़ी का चालान नहीं होना चाहिए, नियमों के दायरे में रहकर वे ड्राइव करें
गाडिय़ों के नंबर प्लेट पर यदि स्टाइलिश अंक देखें तो उसे तुरंत अभिभावक हटवा दें
चालान का सबसे ज्यादा पांच हजार रुपये जुर्माना पहली बार दूसरी बाद नियम उल्लंघन पर दस हजार होता है
यदि पाल्य नाबालिग हैं और डीएम नहीं बना तो उन्हें ड्राइविंग के लिए गाड़ी कतई नहीं दें
गाड़ी लेकर निकलें तो ध्यान दें कि वह मोबाइल और उसके साथ इयर लीड तो नहीं लिया है
इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर लोग लोग चालान में जाने वाले रुपयों को बचा सकते हैं

यहां चेकिंग के दौरान रूल्स तोड़ते हुए मिलने वाले लोगों में युवाओं खास कर छात्रों की संख्या अधिक होती है। चालान में लगने वाले जुर्माने की रकम अभिभावकों को अदा करनी पड़ती है। अभिभावक गाड़ी लेकर निकलने वाले पाल्यों की छोटी-छोटी बातों पर यदि ध्यान दें तो वे चालान और जुर्माने की रकम से भी बच सकते हैं।
शौरभ सिंह, ट्रैफिक इंचार्ज