-प्रयागराज ब्यूरो पहले साधन थी और अब यह फिटनेस टूल बन गई है। लोग महंगी साइकिलें शौकिया घर पर लाकर इससे फिटनेस को सुधारने की कोशिश करते हैं। शहर में ऐसी कई महिलाएं भी हैं जो साइकिल चलाकर रोजाना खुद के शरीर की एक्स्ट्रा कैलोरी को खत्म करने की कोशिश करती हैं, जबकि उनके पास महंगे वेहिकल मौजूद हैं। आइए जानते हैं उनकी साइकिलिंग की कहानी।

साइकिल चलाकर जाते थे प्रैक्टिस करने
नेशनल स्वीमिंग चैंपियन ज्योति निषाद को साइकिलिंग से बेहद प्यार है। वह आज भी मौका पाकर साइकिल चलाना शुरू कर देती हैं। कहती हैं कि नेशनल में स्वीमिंग का मेडल जीता है। इसके लिए कड़ी प्रेक्टिस करनी पड़ती थी। हम प्लेयर साइकिल से रोजाना दस किमी साइकिल चलाकर प्रेक्टिस करते जाते थे। इससे हमें काफी फायदा होता था। साइकिल चलाने से शरीर को नई ऊर्जा मिलती थी। इससे हमारी ब्रीदिंग स्टेमिना बढ़ती थी जो स्वीमिंग के दौरान काम आती थी। आज भी दूसरों को स्वीमिंग की ट्रेनिंग देते हैं ता उसे साइकिल चलाने की सलाह भी जरूर देते हैं। यह बॉडी को फिट रखने के बेहद जरूरी है। आज भी मौका मिलता है तो साइकिल जरूर चलाते हैं। मेरा मानना है कि साइकिल का कोई जोड़ नही है। अगर आप कोई भी काम करते हैं लेकिन साइकिल आपको जरूर चलाना है। इसको चलाने से बॉडी से लेकर दिमाग तक कई लाभ मिलते हैं। आज भी जो नए प्लेयर हैं वह साइकिल को लेकर काफी संजीदा हैं और रोजाना इस पर पैडल मारते हैं।
हाल में खरीदी बारह हजार की साइकिल
अपनी फिटनेस को मेंटेन करने के लिए लोग क्या नही करते हैं। लायंस क्लब इलाहाबाद संगम की चार्टर मेंबर इरा सेठी ने हाल ही में बारह हजार रुपए की साइकिल खरीदी है। यह काफी हाइटेक है और इसमें आटोमेटिक गेयर चेंज होते हैं। इसके पहिए भी काफी मोटे हैं जो सड़को पर बिना किसी हिचक के चलते हैं। इरा कहती हैं कि रोजाना छह किमी साइकिल चलाते हैं। मैं और मेरे पति दोनो मौका मिलते ही साइकिल लेकर निकल चलते हैं। मार्निंग में शहर की सूनी सड़कों पर साइकिल चलाने का अलग मजा है। वह कहती हैं कि साइकिलिंग एक तरह का पैशन है। कई सालों से मैं साइकिल चला रही हूं। इससे वजन कम करने में सहायता मिलती है। वह परिवार के दूसरे लोगों को भी साइकिल चलाने की नसीहत देती हैं। कहती हैं कि इससे सेहत को कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।
लाइफ का हिस्सा है साइकिलिंग
साल दर साल लोगों की कई आदतों में बदलाव आता है लेकिन साइकिलिंग एक ऐसी आदत है जो शायद ही लोगों से छूट जाए। यह कहना है वात्सल्य हॉस्पिटल की निदेशक डॉ। कृतिका अग्रवाल का। वह कहती हैं कि पिछले कई साल से सुबह एक घंटा साइकिलिंग करना उनकी खास आदत है। वह अकेले ही मार्निंग में शहर की सड़कों पर साइकिल लेकर निकल जाती हैं और साइकिल की पैडल में उलझी रहती हैं। वह कहती हैं कि साइकिल चलाने से फिटनेस तो बनी रहती है। इसके अलावा आपके थाट्स भी पाजिटिव हो जाते हैं। बहुत से लोगों की यही राय है। सुबह अगर आप साइकिल चलाते हैं तो दिनभर आपको निगेटिव थिकिंग नही होगी। नेचर में एक खुश मिजाजी बनी रहेगी। क्योंकि साइकिल से पूरी बॉडी हील होती है। इसका हर तरह से लाभ मिलता है।

फिटनेस थ्रू साइकिल कॉलम-

मेरी फिटनेस का राज तो साइकिल है। पिछले कई साल से मेरी साइकिल से गहरी दोस्ती है और यह आगे भी ऐसे ही जारी रहेगी। जब भी मौका मिलता है पैडल मारना शुरू कर देता हूं। यह कहना है एमएलएन मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के प्रवक्ता डॉ। संतोष सिंह का। उनका मानना है कि साइकिल के जरिए फिटनेस को आसानी से पाया जा सकता है। रोजाना अगर एक घंटे साइकिलिंग की जाती है तो बड़ी मात्रा में कैलोरी को बर्न किया जा सकता है। इससे शरीर का एक्स्ट्रा फैट कम होने लगता है। कुछ दिन बाद आपको खुद ब खुद साइकिलिंग का असर दिखने लगेगा। इसके बाद नंबर आता है लंग्स का। साइकिलिंग से यह मजबूत होते हैं और हार्ट को पाजिटिव रिस्पांस मिलता है। तीसरे नंबर पर घुटनों के जोड़ों को साइकिलिंग से बेनिफिट मिलता है। कुल मिलाकर साइकिल पूरी तरह से सौ फीसदी फिटनेस टूल है और इसके लिए सभी को अपनी लाइफ से थोड़ा समय जरूर निकालना चाहिए।
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माइ फस्ट साइकिल कालम

पिछले साल पिताजी ने दिलाई साइकिल तो चेहरे पर छाई मुस्कान- फोटो
प्रयागराज- हैंडबाल प्लेयर अंशिका सिंह को साइकिल से प्रेम तो पुराना है लेकिन उनकी ख्वाहिश पिछलें साल पूरी हुई। उनके पिता राजेश सिंह ने हाल ही में उनको साइकिल खरीदकर दी। इससे अंशिका के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वह कहती है कि यह मेरी जिंदगी पहली ऐसी साइकिल है जिसे मेरे पिता ने भेंट की। तब से कही भी जाती है तो अपनी साइकिल से ही जाती हैं। बीस साल की अंशिका को बचपन से साइकिल चलाने का शौक था लेकिन उसे यह अब जाकर मिली। वह कहती हैं कि किसी भी स्पोर्ट पर्सन के लिए साइकिल का विशेष महत्व होता है और उसके पास कम स कम एक साइकिल तो होनी ही चाहिए। ऐसा नही है तो उसकी फिटनेस में कही न कही कमी रह जाएगी। वह कहती है कि साइकिल चलाने से से वातावरण में प्रदूषण भी कम फैलता है जो बड़ी बात है।