प्रयागराज (ब्‍यूरो)। साइबर ठगों ने प्रयागराज में कोहराम मचा दिया है। एक के बाद साइबर ठगी की घटनाएं सामने आ रही हैं। साइबर ठगों ने शेयर के नाम पर अंधाधुंध लूट मचा रखी है। वहीं, इंस्टाग्राम के जरिए साइबर ठगी का पुरान फंडा भी अपना रखा है। साइबर थाने में चार केस दर्ज किए गए हैं। केस दर्ज कराने वाले चारों लोगों के साथ करीब 62 लाख रुपये की ठगी हुई है। साइबर थाने की पुलिस ने केस दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू कर दिया है।

शेयर के नाम पर तीस लाख ठगे
एम चक्रवती आरएएफ शांतिपुरम में पोस्ट हैं। एम चक्रवर्ती शेयर ट्रेडिंग करते हैं। शेयर ट्रेडिंग का फंडा समझने के लिए एम च्रक्रवती अक्सर यू ट्यूूब चैनल पर वीडियो देखते थे। एक चैनल देखते हुए वक्त एम चक्रवती को ट्रेनिंग के लिए एक लिंक मिला। लिंक टच करने पर एक टेलीग्राम चैनल खुला। उस चैनल के एक लिंक के जरिए एम चक्रवती ने एक एप डाउनलोड किया। उस एप के जरिए एम चक्रवती ने करीब तीस लाख रुपये शेयर मार्केट में लगा दिया। जब एम चक्रवती ने अपनी रकम वापस चाही तो उनसे इनकम टैक्स की डिमांड होने लगी। जिस पर साइबर ठगी का शक होने पर एम चक्रवती ने साइबर थाने में केस दर्ज कराया है।

टेलीग्राम चैनल के बहाने लूट लिया
सिविल लाइंस के रहने वाले रजनीकांत सिंह को व्हाट्स एप पर एक मैसेज मिला। जिसमें बताया गया था कि टेलीग्राम पर चैनल को लाइक और शेयर करके घर बैठे कमाई की जा सकती है। रजनीकांत ने मैसेज पर रिप्लाई किया। इसके बाद उन्हें एक ट्रेलीग्राम चैनल का लिंक भेजा गया। रजनीकांत ने चैनल को लाइक और शेयर करना शुरू कर दिया। हजारों से उनकी इनकम लाखों में पहुंच गई। जब इसका मैसेज आने लगा तो रजनीकांत को घर बैठे कमाई का यह फंडा अच्छा लगा। मगर इसके बाद मैसेज भेजने वाले शख्स ने रजनीकांत से कई बार में रकम ट्रांसफर करने को लेकर करीब 17 लाख 65 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिया। रजनीकांत ने इसकी शिकायत साइबर थाने में दर्ज कराई है।

नौ सौ कमा कर गंवाए पांच लाख
धूमगंज महेंद्र नगर के रहने वाले जयबीर सिंह का किस्सा भी अजीबो गरीब है। जयबीर सिंह को दस मई को एक मैसेज व्हाट्स एप पर मिला। जिसमें मोबाइल एप को रेटिंग देने के बदले घर बैठे कमाई की बात कही गई थी। 12 मई को एक बार फिर जयबीर के पास मैसेज आया। जयबीर ने भेजे गए लिंक को टच किया। इसके बाद मोबाइल एप को रेटिंग देना शुरू किया। इसके बदले जयबीर को नौ सौ रुपये मिले। दस मिनट के काम में नौ सौ रुपये मिलने पर जयबीर को स्कीम अच्छी लगी। इसके बाद जयबीर से 16 से 22 मई के बीच रजिस्ट्रेशन, ऐप फीस, प्रोसेसिंग फीस, यूनीक एप्लीकेशन फीस, गोल्डन एग फीस, एक्सक्लूसिव एप्लीकेशन फीस के बहाने पांच लाख 13 हजार नौ सौ साठ रुपये ट्रांसफर करा लिए गए। इतनी रकम ट्रांसफर करने के बाद जयबीर को 22 मई को ही साइबर ठगी का शक हुआ। जिस पर उन्होंने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा दी। इसके बाद अब साइबर थाने में केस दर्ज कराया है।

कंपनी के नाम पर बनाया ग्रुप
रिषभ यादव के पास अपोलो कंपनी के नाम के एक व्हाट्स एप ग्रुप से मैसेज आया। जिसमें शेयर में इनवेस्टमेंट की बात कही गई थी। कुछ दिनों तक रिषभ ने व्हाट्स एप ग्रुप को वॉच किया इसके बाद उसमें भेजे जा रहे लिंक के जरिए शेयर मार्केट में इंनवेस्टमेंट शुरू कर दिया। 16 अप्रैल से 17 मई तक करीब पांच लाख रुपया इनवेस्ट करने के बाद जब रिषभ ने अपनी रकम वापस मांगी तो उन्हें बताया गया कि इसके लिए रिषभ को तीन लाख तीस हजार रुपये एडवांस जमा करना होगा। इसके बाद उनके खाते में रकम ट्रांसफर कर दी जाएगी। रिषभ को करीब दस लाख रुपये मिलना था। जोकि उन्हें व्हाट्स एप ग्रुप से बताया गया था। रिषभ ने अपनी रकम के लिए तीन लाख तीस हजार रुपये भी ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उन्हें अचानक ग्रुप से हटा दिया गया। रिषभ ने ग्रुप एडमिन का नंबर सेव कर रखा था। उस नंबर पर जब फोन किया तो उधर से नंबर ब्लॉक कर दिया गया। रिषभ ने करीब दस लाख रुपये ठगी का केस साइबर थाने में दर्ज कराया है।

साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसके लिए जरुरी है कि स्वयं सजगता बरती जाए। किसी भी अननोन कॉल या मैसेज को फॉलो न किया जाए। वरना मामूली लापरवाही से साइबर ठगों को अपना खेल करने का मौका मिल जाता है। चार केस दर्ज किए गए है। सभी की जांच की जा रही है।
राजीव तिवारी, इंस्पेक्टर साइबर थाना